जमुई: बिहार के जमुई जिले के नेशनल बर्ड सेंच्युरी नागी नकटी ( National Bird Sanctuary Nagi Nakti In Jamui ) में रुस के मेहमान पक्षी टिकटिकी के आने का इंतजार है. नागी जलाशय में पहुंचने वाले कई पक्षियों में रूस की टिकटिकी पक्षी के आगमन ( Waiting For Tiktiki Russian Birds In Jamui ) की अहमियत इस बार ज्यादा है. दरअसल, 16 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजकीय पक्षी महोत्सव ( Bihar Bird Festival ) में टिकटिकी के पैर में रिंग पहनाकर उसे विदा किया था.
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पक्षी विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर महीने में रूस से टिकटिकी का भारत आगमन अवश्य होगा. पक्षियों पर शोध कर रहे भागलपुर के अरविंद मिश्रा बताते हैं कि रूस से दिसंबर महीने में ही अधिकांश पक्षियों का नागी नकटी में आगमन होता है. इसे संयोग कहें कि रूस के राष्ट्रपति भी आज ( 6 दिसंबर ) भारत आ रहे हैं. इधर, देश के जाने माने पक्षी विशेषज्ञ अशद रहमानी और उनके साथ पक्षियों के टॉपर फोटोग्राफर कीर्तिमान मुखर्जी भी नागी नकटी पक्षी आश्रयणी पहुंच रहे हैं. वे राष्ट्रीय पक्षी अभयारण्य का जायजा लेंगे. उनके साथ भागलपुर के पक्षी विशेषज्ञ अरविंद मिश्रा भी साथ होंगे.
राष्ट्रीय पक्षी अभ्यारण्य ( नेशनल वड्र्ड्स सेंच्युरी ) नागी नकटी जलाशय में 133 प्रजाति की पक्षियों का जमघट लगता है. अक्टूबर से फरवरी माह तक सायबेरियन ही पक्षियों का पूरा कुनवा इस डैम में अपना डेरा डाले रहता है. जिनमें ग्रे हेरान, डामी डेथ, साइवेरियन क्रेन, लिटिल एग्रेट, लिटिल ग्रेवे, काली गर्दन वाली पनडूबी, वनकौआ आदि शामिल हैं. नागी नकटी डैम और आस-पास के क्षेत्र को शिकार रहित क्षेत्र घोषित कर जीव हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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भारत में दो त्योहार मनाते हैं रूस के मेहमान सर्द मौसम में भारत में त्यौहारों की धूम होती है और इसी दौरान विदेशी मेहमान पक्षी भारत के बदलते मौसम का मजा लेने पहुंचते हैं. पक्षी विशेषज्ञ अरविंद मिश्रा की मानें तो रूस व अन्य देश से आने वाले मेहमान पक्षी भारत में दो त्योहार मनाते हैं. अमूमन अक्टूबर माह से ही विदेशी पक्षियों का भारत आना शुरू हो जाता है और होली पर्व के बाद वे अपने देश को लौट जाते हैं.
बता दें कि राष्ट्रीय पक्षी अभ्यारण्य ( नेशनल वड्र्ड्स सेंच्युरी ) नागी नकटी जलाशय में 133 प्रजाति की पक्षियों का जमघट लगता है. अक्टूबर से फरवरी माह तक सायबेरियन ही पक्षियों का पूरा कुनवा इस डैम में अपना डेरा डाले रहता है. जिनमें ग्रे हेरान, डामी डेथ, साइवेरियन क्रेन, लिटिल एग्रेट, लिटिल ग्रेवे, काली गर्दन वाली पनडूबी, वनकौआ आदि शामिल हैं. नागी नकटी डैम और आस - पास के क्षेत्र को शिकार रहित क्षेत्र घोषित कर जीव हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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