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जमुई: वर्षों से नहीं बनी पक्की सड़क, ग्रामीणों ने कहा वोट का करेंगे बहिष्कार - जमुई में वोट का बहिष्कार

जमुई के धनवे गांव में कई वर्षों से पक्की सड़क नहीं बनी है. जिसके बाद ग्रामीणों ने कहा है कि वो लोग वोट का बहिष्कार करेंगे.

jamui
कई वर्षों से गांव में नहीं बनी पक्की सड़क
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Published : Jun 22, 2020, 4:44 PM IST

जमुई: एक तरफ जहां 2020 बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो चुकी है. वर्चुअल रैली के माध्यम से संवाद किया जा रहा है. यहां तक कि जिले में सीटों को लेकर दावेदारी भी शुरू हो गई है. ऐसे में काम नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ वोट बहिष्कार के स्वर भी उठने लगे हैं.

विकास की बाट जोह रहे ग्रामीण
मामला जमुई जिले के सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले धनवे गांव का है. ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों से विकास की बाट जोह रहे हैं. अभी तक गांव पहुंचने के लिए एक पक्की सड़क नहीं बन पायी है. 1956 में ग्रामीणों ने श्रमदान कर एक कच्ची सड़क का निर्माण किया था. लोगों ने बताया कि 1996 में ग्रामीण विकास अभिकरण की ओर से गांव के बाहर तक पीसीसी ढलाई तो हुई. लेकिन आज वर्षों से स्थिति ये बनी हुई है कि गढ्ढे में सड़क है या सड़क में गढ्ढा, यह कहना कठिन है.

jamui
कई वर्षों से गांव में नहीं बनी पक्की सड़क

वोट बहिष्कार करने का फैसला
जिला मुख्यालय से महज 15-16 किलोमीटर पर आजादी से पहले का बसा हुआ गांव महज एक पक्की सड़क के लिए तरस रहा है. ग्रामीण विधायक और सांसद से कई बार गुहार लगा चुके हैं. जिसके बाद आश्वासन तो सभी जगह से मिला. लेकिन जमीन पर कुछ दिखाई नहीं दिया. ऐसे में लोग कहते हैं कि चुनाव दर चुनाव केवल आश्वासन मिलने से तो काम नहीं चलेगा. इसलिए ग्रमीणों ने रोड नहीं तो, वोट नहीं का नारा देते हुए वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

कई जगह दिया आवेदन
लोगों ने बताया कि जिले के इतना नजदीक होते हुए भी आजतक सड़क नहीं बन पाई है. हर जगह आवेदन दिया गया और गुहार लगाई गई. लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता आ रहा है. बता दें 2019 विधानसभा चुनाव के समय भी जिले के कई गांव में वोट बहिष्कार हुआ था. इस दौरान कई ग्रामीणों ने सड़क, खेती और किसानों की समस्या को लेकर विरोध जताया था.

जमुई: एक तरफ जहां 2020 बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो चुकी है. वर्चुअल रैली के माध्यम से संवाद किया जा रहा है. यहां तक कि जिले में सीटों को लेकर दावेदारी भी शुरू हो गई है. ऐसे में काम नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ वोट बहिष्कार के स्वर भी उठने लगे हैं.

विकास की बाट जोह रहे ग्रामीण
मामला जमुई जिले के सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले धनवे गांव का है. ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों से विकास की बाट जोह रहे हैं. अभी तक गांव पहुंचने के लिए एक पक्की सड़क नहीं बन पायी है. 1956 में ग्रामीणों ने श्रमदान कर एक कच्ची सड़क का निर्माण किया था. लोगों ने बताया कि 1996 में ग्रामीण विकास अभिकरण की ओर से गांव के बाहर तक पीसीसी ढलाई तो हुई. लेकिन आज वर्षों से स्थिति ये बनी हुई है कि गढ्ढे में सड़क है या सड़क में गढ्ढा, यह कहना कठिन है.

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कई वर्षों से गांव में नहीं बनी पक्की सड़क

वोट बहिष्कार करने का फैसला
जिला मुख्यालय से महज 15-16 किलोमीटर पर आजादी से पहले का बसा हुआ गांव महज एक पक्की सड़क के लिए तरस रहा है. ग्रामीण विधायक और सांसद से कई बार गुहार लगा चुके हैं. जिसके बाद आश्वासन तो सभी जगह से मिला. लेकिन जमीन पर कुछ दिखाई नहीं दिया. ऐसे में लोग कहते हैं कि चुनाव दर चुनाव केवल आश्वासन मिलने से तो काम नहीं चलेगा. इसलिए ग्रमीणों ने रोड नहीं तो, वोट नहीं का नारा देते हुए वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

कई जगह दिया आवेदन
लोगों ने बताया कि जिले के इतना नजदीक होते हुए भी आजतक सड़क नहीं बन पाई है. हर जगह आवेदन दिया गया और गुहार लगाई गई. लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता आ रहा है. बता दें 2019 विधानसभा चुनाव के समय भी जिले के कई गांव में वोट बहिष्कार हुआ था. इस दौरान कई ग्रामीणों ने सड़क, खेती और किसानों की समस्या को लेकर विरोध जताया था.

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