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जमुई: नल जल योजना चालू कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन - maoist

पुजहर समुदाय के लोगों ने गांव में नल जल योजना चालू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सड़क निर्माण की भी मांग की.

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Published : Jul 31, 2020, 10:05 PM IST

जमुई: चकाई प्रखंड के ठाढी पंचायत के बाराटांड गांव में पुजहर समुदाय के लोगों ने भाकपा माले के नेतृत्व में सड़क निर्माण कराने और नल जल योजना चालू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. लोगों ने आरोप लगाया कि इस गांव लोगों को सरकार की तरफ से चालई जा रही किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है.

नहीं मिल रही कोई सुविधा
इस दौरान भाकपा माले के विधानसभा प्रभारी मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि यह पंचायत जमुई में माओवाद प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. यहां की लगभग सारी योजनाएं कागजों पर ही फाइनल होती हैं. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के नाम पर कोई भी पदाधिकारी इस इलाके में नहीं आते हैं. इसके कारण जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारी के मेल से सभी योजनाओं को कागज पर फाइनल दिखा कर पैसे की निकासी कर ली जाती है.

गांव में नहीं है सड़क
बता दें कि बाराटांड गांव जंगल और पहाडों से घिरा हुआ है. इस गांव में आज तक कोई सडक नहीं बनी है. पूरे गांव की गली कीचड़ मय रहती है. वहीं, निरीह पुजहर समुदाय के लोगों के बीच लाॅकडाउन के वक्त में भी मुखिया के द्वारा या किसी भी जनप्रतिनिधि के द्वारा न साबुन और न ही मास्क बांटी गई. माओवादी के नाम पर जब सर्च अभियान चलाया जाता है तो इन गरीबों को बेवजह परेशान भी किया जाता है.

गांव के लोग हैं अशिक्षित
पूरे गांव में लगभग 300 की आबादी में चार-पांच लोगों को ही सिर्फ हस्ताक्षर करना आता है. इस गांव के लोगों में शिक्षा की कमी के कारण हमेशा इनका शोषण किया जाता है. इस प्रदर्शन में भाकपा माले के उत्तरी एरिया कमिटी के सचिव कामरेड बासुदेव हांसदा, खूबलाल राणा, समेत बाराटांड गांव के पुजहर समुदाय के शुकर पुजहर, कानू नैया, जानकी पुजहर, एतवारी पुजहर, चुरामन पुजहर, कांग्रेस पुजहर, मनमा देवी, समेत दर्जनो की संख्या में मौजूद थे.

जमुई: चकाई प्रखंड के ठाढी पंचायत के बाराटांड गांव में पुजहर समुदाय के लोगों ने भाकपा माले के नेतृत्व में सड़क निर्माण कराने और नल जल योजना चालू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. लोगों ने आरोप लगाया कि इस गांव लोगों को सरकार की तरफ से चालई जा रही किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है.

नहीं मिल रही कोई सुविधा
इस दौरान भाकपा माले के विधानसभा प्रभारी मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि यह पंचायत जमुई में माओवाद प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. यहां की लगभग सारी योजनाएं कागजों पर ही फाइनल होती हैं. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के नाम पर कोई भी पदाधिकारी इस इलाके में नहीं आते हैं. इसके कारण जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारी के मेल से सभी योजनाओं को कागज पर फाइनल दिखा कर पैसे की निकासी कर ली जाती है.

गांव में नहीं है सड़क
बता दें कि बाराटांड गांव जंगल और पहाडों से घिरा हुआ है. इस गांव में आज तक कोई सडक नहीं बनी है. पूरे गांव की गली कीचड़ मय रहती है. वहीं, निरीह पुजहर समुदाय के लोगों के बीच लाॅकडाउन के वक्त में भी मुखिया के द्वारा या किसी भी जनप्रतिनिधि के द्वारा न साबुन और न ही मास्क बांटी गई. माओवादी के नाम पर जब सर्च अभियान चलाया जाता है तो इन गरीबों को बेवजह परेशान भी किया जाता है.

गांव के लोग हैं अशिक्षित
पूरे गांव में लगभग 300 की आबादी में चार-पांच लोगों को ही सिर्फ हस्ताक्षर करना आता है. इस गांव के लोगों में शिक्षा की कमी के कारण हमेशा इनका शोषण किया जाता है. इस प्रदर्शन में भाकपा माले के उत्तरी एरिया कमिटी के सचिव कामरेड बासुदेव हांसदा, खूबलाल राणा, समेत बाराटांड गांव के पुजहर समुदाय के शुकर पुजहर, कानू नैया, जानकी पुजहर, एतवारी पुजहर, चुरामन पुजहर, कांग्रेस पुजहर, मनमा देवी, समेत दर्जनो की संख्या में मौजूद थे.

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