जमुई : बिहार के जमुई में राजद के जिला कार्यालय में पहुंचे कद्दावर नेता उदय नारायण चौधरी डोमिसाइल मामले पर सवाल पूछे जाने पर पत्रकारों पर भड़क गए और उल्टा उनसे सवाल करने लगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है. हमलोग सब भारत के रहने वाले हैं, इसलिए भारत के सभी युवाओं को मौका दिया गया है. इससे पहले वह एक शब्द डोमिसाइल पर बोलने को तैयार नहीं थे और चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि मैं यहां अपनी बात कहने आया हूं. आपके कोई भी सवाल का जवाब देने नहीं बैठा हूं. आपलोग बेसिर पैर का सवाल कर रहे हैं.
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पत्रकार से पूछने लगे शैक्षणिक योग्यता : उदय नारायण चौधरी ने डोमिसाइल के सवाल पर खुद इधर-उधर की बातें करने लग गए और पत्रकारों पर भड़क उठे. उन्होंने साफ कहा कि 'हसुआ के बिआह में खुरपी का बात मत कीजिए'. इसके बाद वह डोमिसाइल पर बिना कोई जवाब दिये पत्रकारों की शैक्षणिक योग्यता पर ही सवाल करने लगे. उन्होंने कहा कि मैं यह सही है या गलत इस पर मैं कुछ नहीं कहूंगा. उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि हम भारतीय हैं. इसलिए डोमिसाइल हटाया गया.
"हसुआ के बिआह में खुरपी का बात मत कीजिए. मैं यह सही है या गलत इस पर मैं कुछ नहीं कहूंगा. अभी बहुत कम संशोधन हुआ है, आगे और संशोधन होगा. अभी दो तीन बार हो सकता है नियमावली में संशोधन हो जाए "- उदय नारायण चौधरी, राजद नेता
'शिक्षक नियमावली में अभी और दो-चार संशोधन होगा' : इसके अलावा जब शिक्षक नियमावली में संशोधन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि अभी बहुत कम संशोधन हुआ है, आगे और संशोधन होगा. अभी दो तीन बार हो सकता है नियमावली में संशोधन हो जाए. कुल मिलाकर उदयनारायण चौधरी के तेवर डोमिसाइल मामले पर बिलकुल भी ठीक नहीं दिखे. उनके पास कोई जवाब नहीं था. वह सिर्फ जोर-जोर से बोलकर राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराने की बात कह रहे थे.
कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल का नाम भूले उदय नारायण : इसके अलावा उदय नारायण चौधरी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए पुलवामा अटैक मामले को उठाया. इस दौरान उन्हें कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल का नाम तक याद नहीं आया और उन्होंने कहा खैर उस समय जो भी वहां राज्यपाल थे, उन्होंने कहा था कि हवाई जहाज मिल जाती तो जवानों की जान बच सकती थी. वैसे पुलवामा में मरने वाले जवान गरीब परिवार के थे. क्योंकि सेना में सिर्फ गरीबों के बच्चे ही जाते हैं. अमीर का कोई बच्चा नहीं जाता है.
'ताड़ी जूस है, सरकार को इस पर विचार करना चाहिए' : उदाय नारायण चौधरी ने कहा कि ताड़ी पूरी तरह से जूस है. ताड़ी को शराब के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए. इसे लालू प्रसाद ने जूस कहा था. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. यह शराब नहीं है. वह पूरे समय डोमिसाइल और शिक्षक नियमावली पर पूछे गए सवाल से किनारा करते रहे. उन्होंने एक भी सवालो का सही जवाब नहीं दिया और उल्टे मीडिया को गोदी मीडिया बताते हुए मोदी सरकार के नौ साल पर सवाल पूछते रहे.