जमुई: जमुई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी को हटाना (Tushar attack on Modi government) जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा कि 2024 में विचारों की टक्कर होने वाली है. आज हिंदुस्तान जिस डगर पर चल पड़ा है उसे रोकना जरूरी है. 2024 में महत्वपूर्ण लड़ाई होने जा रही है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विकल्प हो न हो मोदी को जरूर हटाना होगा, विकल्प अपने आप आ जाएगा.
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2024 की लड़ाई महत्वपूर्णः तुषार गांधी बुधवार को जमुई जिले के बरहट प्रखंड अंतर्गत श्रम भारती खादीग्राम में गांधी जी की प्रतिमा अनावरण (Tushar unveiled statue of Gandhiji in Jamui) के मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सही राजनीति तो जनता के बीच होती है. 2024 में विचारों की टक्कर होने वाली है. इस लड़ाई में हमें राजनीतिक दलों से परे ले जाकर लड़ाई लड़नी होगी. जनता के बीच जाकर हमें एहसास दिलाना होगा कि ये चुनाव चिन्हों की लड़ाई नहीं है ये आदर्शों की लड़ाई है. 2024 की लड़ाई बहुत ही महत्वपूर्ण होती जा रही है. तुषार गांधी ने कहा कि आज जिस डगर पर हिंदुस्तान चल पड़ा है अगर उसे रोकना है. उसे सही रास्ते पर लाना होगा.
"विकल्प हो ना हो मोदी को जरूर हटाना होगा. विकल्प अपने आप आ जाएगा. लोकतंत्र में विकल्प हो ना हो इसका मायने नहीं रखता, लोकतंत्र में जनता की मर्जी से ही विकल्प होना चाहिए"- तुषार गांधी, महात्मा गांधी के प्रपौत्र
जनता की मर्जी से ही विकल्प होना चाहिएः तुषार गांधी से जब यह पूछा गया कि 2024 में मोदी का विकल्प कौन होगा, तो उन्होंने कहा कि विकल्प हो ना हो मोदी को जरूर हटाना होगा. विकल्प अपने आप आ जाऐगा. लोकतंत्र में जनता की मर्जी से ही विकल्प होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बहुत सालों तक प्रतिभाओं की राजनीति की है, हमलोग ऐसा सोचते हैं कि जबतक विकल्प ना आये कितना भी बुरा हो इनको हटाना नहीं चाहिए. ऐसा नहीं है. विकल्प मिल ही जाऐगा. वर्तमान सरकार जानी चाहिए यह महत्वपूर्ण है.
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आज के भारत को पहचान नहीं पाएंगे बापूः तुषार गांधी से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार विकल्प हो सकते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा व्यक्ति जो किसी एक विचारधारा के साथ चलता हो वो विकल्प हो सकता है. सामान्य से सामान्य नागरिक भी विकल्प बनकर उभर सकता है. उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि सिर्फ नीतीश कुमार, ममता दीदी या राहुल गांधी विकल्प हों. हमारे पास कई विकल्प हैं. उनको बस इतना समझाना है कि सही मायनों में जनता का राज हो, किसी व्यक्ति का नहीं.
राहुल से जुड़ते नजर आ रहे हैं लोगः तुषार ने कहा कि राहुल जो यात्रा के माध्यम से सदभावना पैदा कर रहे हैं जनता में उसको वो चुनावी ताकत में कैसे बदलती है, यह कांग्रेस के ऊपर निर्भर करता है. राहुल ने तो स्पष्ट कर दिया है कि वो चुनावी राजनीति नहीं कर रहे हैं. यह एक बहुत बड़ा और अच्छा काम है. लेकिन कांग्रेस के लिऐ यह सोचना बहुत जरूरी है कि ये जो यात्रा है उसके फल कैसे मिले. राहुल ने जो करना था वो कर रहे हैं. उसका नतीजा उसका अंजाम उनको मिल रहा है. लोगों के दिलों में जो तड़प है उस तड़प के साथ लोग राहुल से जुड़ते नजर आ रहे हैं.
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नीतीश कुमार की याददाश्त कमजोरः तुषार गांधी ने कहा कि 2018 में जब चंपारण के सत्याग्रह का शताब्दी समारोह मनाया जा रहा था तब उनसे विनती किया थी कि चंपारण के नाम के साथ सत्याग्रह का नाम जोड़ा जाए. चंपारण, भारत में सत्याग्रह की जन्म भूमि है. इसलिए चंपारण को और सत्याग्रह को साथ करके उसको अमर करना बहुत ही जरूरी है. उस समय नीतीश कुमार ने वचन दिया था इसको फौरन अमल करेंगे. उस समय के प्रधान चीफ सेक्रेटरी से बोला भी था कि इसकी तैयारी करवाइये. लेकिन शायद बाद में उनकी याददाश्त कमजोर हो गई हो. मैं चाहता हूं कि वो अपना वादा याद करें और उसे पूरा करें.