जमुई: आस्था का महापर्व छठ पूजा का शनिवार को तीसरा दिन है. नहाय-खाय और खरना (लोहण्डा) के बाद छठ व्रत के तीसरे दिन नदी या तालाब में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. निर्जला उपवास पर रहे व्रती भगवान भास्कर को नमन कर ' दंडवत ' देते हुए छठघाट की ओर रवाना हो रहे हैं.
चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य
रविवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चार दिन तक चलने वाले छठ महापर्व की समाप्ति हो जाएगी. व्रती मंदिरों में पूजा-पाठ करने के बाद अपना व्रत पूरा करेंगे. जिसके बाद प्रसाद ग्रहण कर पारण की जाएगी.
दूध और गंगा जल से अर्घ्य
छठ व्रत में भगवान सूर्य और छठी मईया की पूजा-अर्चना की जाती है. इसमें दूध और गंगा जल से अर्घ्य दिया जाता है. अब छठघाटों पर भव्य पंडाल बनाकर सूर्य भगवान की मूर्ति स्थापित करने का प्रचलन शुरू हो गया है.