जमुई: जिले में शनिवार को संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता की 30वीं वर्षगांठ मनाई गई. जिसमें महिला विकास निगम, बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग और युनिसेफ के सहयोग से किशोरी शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिले के अलग-अलग पंचायतों से 40 से 50 बच्चियां शामिल हुईं. जिनको बाल विवाह और दहेज प्रथा के बारे में जानकारी दी गई.
बाल विवाह और दहेज प्रथा के बारे दी जा रही जानकारी
कार्यक्रम में शामिल बच्चियों को कई सारी गतिविधियां कराई गईं. जिसमें उनको बाल विवाह और दहेज प्रथा के बारे में जागरूक कराया गया. साथ ही उनसे इस विषय के बारे में सुझाव भी लिए गए. कार्यक्रम में मौजूद महिला हेल्प लाइन की परियोजना प्रभारी रीता कुमारी ने बताया कि इसमें 10 बच्चों को चुना गया है. जो 19 और 20 नवंबर को राज्य स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के सामने बाल विवाह और दहेज प्रथा को लेकर अपनी प्रस्तुति देंगे.
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2017 से चलाया जा रहा कैंपेन
कार्यक्रम में मौजूद एनजीओ के मैनेजर दस्तके अली आजम ने बताया कि साल 2017 से ही बिहार सरकार, एक्शन एड और युनिसेफ के सहयोग से बच्चों को बाल विवाह और दहेज प्रथा से मुक्त कराने के लिए कैंपेन चलाया जा रहा है. जिसमें बिहार के 13 जिले शामिल हैं. इन 13 जिलों के मायनॉरिटीज इलाके और पंचायतों से बच्चों को निकालकर उनको गतिविधियां कराई जाती हैं. जिसके तहत उनको बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरितियों के नुकसान के बारे में जानकारी दी जाती हैं.