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जमुई: अपनी मांगों को लेकर रेलकर्मियों ने किया प्रदर्शन - रेलकर्मी

रेल कर्मचारी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. इनलोगों ने केंद्र सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गुण तो बड़े स्तर पर चरणबद्व तरीके से आंदोलन किया जाएगा.

रेल कर्मी का प्रदर्शन
रेल कर्मी का प्रदर्शन
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Published : Sep 24, 2020, 8:17 PM IST

जमुई (झाझा): भारतीय रेल में निजीकरण व निगमीकरण के खिलाफ पूना पैक्ट दिवस पर ऑल इंडिया एससी-एसटी रेलवे एम्प्लॉइज एसोसिएशन की ओर से अखिल भारतीय विरोध-प्रदर्शन कार्यक्रम होगा. इसमें शामिल होने के लिये झाझा से दर्जनों रेलकर्मी किऊल रवाना हुए.

केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन
भव्य कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व झाझा में एसोसिएशन के शाखा अध्यक्ष मनोज कुमार पासवान सहित अन्य लोगों ने झाझा में भारत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.


रेलकर्मी के साथ सौतेला व्यवहार
अध्यक्ष ने कहा कि अगर रेलवे को निजीकरण या फिर निगमीकरण भारत सरकार कर देती है तो रेलकर्मी के सामने भविष्य मेंं कई तरह की समस्या उत्पन्न हो जायेगी. भारत सरकार रेलकर्मी के साथ जो सौतेला व्यवहार करने जा रही है, इसे हमलोग कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

रेलकर्मियों की कुछ खास मांगें:

1. रेलों को प्राइवेट ऑपरेटर को सौंपने के निर्णय को वापस लिया जाये.

2. भारतीय रेल मे 50 प्रतिशत रिक्त पदों को समाप्त करने के निर्णय को वापस लिया जाये, जिसमें आरक्षित पद भी शामिल है.

3. निजी क्षेत्र व न्यायपालिका में आरक्षण लागू किया जाये एवं इंडियन जूडिशल सर्विसेज का गठन किया जाये.

4. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग का आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाकर 17 व 9 प्रतिशत किया जाये.

5. भारत में समान शिक्षा लागू हो, गरीब व अमीर दोनों के बच्चे एक ही स्कूल में पढ़े.

6. पदोन्नति में आरक्षण को सुरक्षित करने के लिये 117वां संविधान संशोधन विधेयक पास किया जाये.

जमुई (झाझा): भारतीय रेल में निजीकरण व निगमीकरण के खिलाफ पूना पैक्ट दिवस पर ऑल इंडिया एससी-एसटी रेलवे एम्प्लॉइज एसोसिएशन की ओर से अखिल भारतीय विरोध-प्रदर्शन कार्यक्रम होगा. इसमें शामिल होने के लिये झाझा से दर्जनों रेलकर्मी किऊल रवाना हुए.

केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन
भव्य कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व झाझा में एसोसिएशन के शाखा अध्यक्ष मनोज कुमार पासवान सहित अन्य लोगों ने झाझा में भारत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.


रेलकर्मी के साथ सौतेला व्यवहार
अध्यक्ष ने कहा कि अगर रेलवे को निजीकरण या फिर निगमीकरण भारत सरकार कर देती है तो रेलकर्मी के सामने भविष्य मेंं कई तरह की समस्या उत्पन्न हो जायेगी. भारत सरकार रेलकर्मी के साथ जो सौतेला व्यवहार करने जा रही है, इसे हमलोग कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

रेलकर्मियों की कुछ खास मांगें:

1. रेलों को प्राइवेट ऑपरेटर को सौंपने के निर्णय को वापस लिया जाये.

2. भारतीय रेल मे 50 प्रतिशत रिक्त पदों को समाप्त करने के निर्णय को वापस लिया जाये, जिसमें आरक्षित पद भी शामिल है.

3. निजी क्षेत्र व न्यायपालिका में आरक्षण लागू किया जाये एवं इंडियन जूडिशल सर्विसेज का गठन किया जाये.

4. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग का आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाकर 17 व 9 प्रतिशत किया जाये.

5. भारत में समान शिक्षा लागू हो, गरीब व अमीर दोनों के बच्चे एक ही स्कूल में पढ़े.

6. पदोन्नति में आरक्षण को सुरक्षित करने के लिये 117वां संविधान संशोधन विधेयक पास किया जाये.

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