जमुई: बकाया मानदेय भुगतान की मांग को लेकर रसोईया संघ की महिलाओं ने जिला समाहरणालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारी महिलाएं घंटों तक सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.
'12 महीने से नहीं मिला है मानदेय'
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि एक तो उन्हें पहले से काफी कम मानदेय मिलता है. उसके बाद भी उन्हें पिछले 12 महीने से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. जिस वजह से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. संघ की महिलाओं ने सरकार और जिला प्रशासन से जल्द से जल्द वेतन भुगतान करने की गुहार लगाई.
'क्वॉरेंटाइन सेंटर पर बनाया था खाना'
रसोईया संघ की महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि जब पूरे प्रदेश में सभी लोग संक्रमण के भय से अपने अपने घरों में दुबके हुए थे. वह उस समय उन्होंने अपनी जान को खतरे में डालकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहकर खाना बनाया था. इसके बावजूद उन्हें उनका मेहनत आना नहीं दिया जा रहा है. जिससे उनका हौसला पस्त होते जा रहा है. महिलाओं ने कहा कि जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण मानदेय का भुगतान नहीं हो सका है.
प्रमुख मांगे: -
1. कुरान टाइम सेंटर में काम कर चुकी महिलाओं को प्रतिदिन 300 सौ रुपए के हिसाब से मेहनत आना का भुगतान किया जाए
2. मानदेय को बढ़ाकर 21 हजार किया जाए
3. रसोईया में काम करने वाली महिलाओं को साल में चार सूती साड़ियां दी जाए.
4. मानदेय का भुगतान उन्हें 10 महीने के लिए ही होता जिसे बढ़ाकर 12 महीना की अध्याय
5. हड़ताल की अवधि का मानदेय भुगतान हो
6. रसोईया को मात्र अवकाश और विशेष अवकाश भी दी जाए
7. रसोईया को काम से तब तक नहीं हटाया जाए जब तक वे खाना बनाने ने सक्षम हो
8. रसोईया को ESEPF और सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराई जाए
8. रसोईया को सेवानिवृत्ति के बाद 10 हजार रुपए मासिक पेंशन दिया जाए
9. जिस रसोईया को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है उसे जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाए
10. विद्यालय रसोईया को छोटी मोटी बातों पर निकाल देने की धमकी देना बंद किया जाए.