जमुईः बिहार के जमुई मंडल कारा (Mandal Jail) में बंद कैदियों ने बड़े ही अनोखे तरीके से जेल में फैली अव्यवस्था और अधिकारियों द्वारा की जा प्रताड़ना की शिकायत की है. कैदियों ने एक बनियान पर पत्र (Letter on vest) लिखकर कुव्यवस्था की पोल खोल दी है. वहीं इस सिलसिले में कारा के कोई भी अधिकारी मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं हैं.
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कैदियों द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया है कि मंडल कारा के अंदर खाद्य सामग्री में कटौती की जाती है और गुणवत्ता का अभाव है. साथ ही खाना बनाने से लेकर खिलाने तक की प्रक्रिया बिल्कुल बदतर है. इलाज के नाम पर खानापूर्ति है. जब तक बंदी मरने की अवस्था में नहीं चला जाता है तब तक उसका इलाज नहीं कराया जाता. इलाज के अभाव में कई मरीजों की मौत हो चुकी है.
कैदियों ने कारा के अंदर फैली गंदगी को लेकर बताया कि पूरे परिसर में गंदगी का अंबार है. यहां तक कि फिनायल ब्लीचिंग पाउडर भी उपलब्ध नहीं कराया जाता है. जिस कारण कई कैदी डायरिया सहित अन्य बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं. वहीं कैदियों ने लिखा है कि अगर इन सभी बातों का शिकायत कैदी द्वारा किया जाता है. तो कारा प्रशासन द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता है.
कैदियों ने बताया कि अगर कोई भी न्यायाधीश निरीक्षण करने पहुंचे हैं तो उसके पहले पदाधिकारियों द्वारा सभी कैदियों को धमकाया जाता है. कारा की कोई भी बात नहीं बोलने की ताकीद की जाती है. अधिकारियों को सबकुछ ठीक-ठाक बताया जाता है.
बता दें कि जमुई नक्सल प्रभावित इलाका होने के नाते कारा प्रशासन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने का दावा करता है. लेकिन जिस अनोखी तरह से कैदियों ने बनियान पर पत्र लिखकर शिकायत की है. उससे कारा प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलती नजर आती है. हालांकि इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने कारा अधीक्षक अरुण पासवान से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बात करना मुनासिब नहीं समझा और वह अपने वाहन की गति को तेजकर आगे निकल गए.
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