जमुई: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार करोड़ो खर्च कर रही है. लेकिन सदर अस्पताल प्रशासन इसके संक्रमण को बढ़ावा देने जैसा कार्य कर रही है. लापरवाही जिसकी भी हो लेकिन इसका खामियाजा अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को उठाना पड़ रहा है. सदर अस्पताल में कोरोना संदिग्धों का सैंपल लेने के दौरान चिकित्सक और सहकर्मी पीपीई किट का उपयोग करते हैं. जिसे जांच के बाद त्वरित निस्तारण किया जाना आवश्यक होता है. लेकिन कई दिनों से सदर अस्पताल स्थित परिसर के आस-पास ही इस किट को फेंका जा रहा है.
सदर अस्पताल के आस-पास फेंका गया पीपीई किट
बता दें कि स्वास्थ विभाग की ओर से सदर अस्पताल में संदिग्ध मरीजों का सैंपल देने के बाद चिकित्सक इस्तेमाल किए हुए पीपीई किट खोलकर एक बैग में रखते हैं. उसके बाद भागलपुर की सिनर्जी बायोवेस्ट कंपनी की ओर से उक्त बैग को हर दिन यहां से भागलपुर ले जाकर इसके डिस्पोजल के लिए बना इंसीनरेटर में डालकर इसका निस्तारण करते हैं. अस्पताल में इसकी देख रेख के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई थी. जो हर दिन इसकी निगरानी करेंगे लेकिन कंपनी की ओर से जब पिछले कई दिनों से कचरा नहीं ले जाया गया. तो अस्पताल कर्मचारियों ने इसे अस्पताल परिसर के आस-पास फेंक दिया.
जांच कर की जाएगी कार्रवाई
मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल के पास पीपीई किट फेके जाने से सदर अस्पताल आने वाले मरीजों और कर्मियों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. सदर अस्पताल की लापरवाही के कारण परिसर में घूमने वाले आवारा पशु भी उस से संक्रमित होकर लोगों को संक्रमण का शिकार बना सकते हैं. इन सभी बातों को जानने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लापरवाह दिख रहे हैं. हालांकि जब इस संबंध में सिविल सर्जन विजेंद्र सत्यार्थी से बात की तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही.