जमुई: जिले के सदर अस्पताल से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर लाखों खर्च कर लगभग तीन वर्ष पहले पोस्टमॉर्टम हाउस बनाया गया था. लेकिन आज भी जमुई सदर अस्पताल में खुले में शवों का पोस्टमार्टम कर दिया जाता है. ऐसा पोस्टमार्टम हाउस में समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हो रहा है.
जमुई टाउन के किउल नदी के बगल पर त्रिपुरारी घाट के पास लाखों खर्च कर एक पोस्टमॉर्टम हाउस और शवदाह गृह बनाया गया. लेकिन यहां पहुंचने के लिए ना तो रास्ता है, ना ही बिजली पानी की यहां सुविधा है. सुनसान इलाका होने के कारण कोई भय से यहां नहीं जाना चाहता है.
पोस्टमार्टम हाउस की प्रमुख समस्या-
- पोस्टमॉर्टम हाउस तक पहुंचने के लिए नहीं है सड़क
- सुनसान इलाका होने के कारण नहीं जाते हैं लोग
- बिजली और पानी की नहीं है व्यवस्था
- नहीं रहते हैं ड्यूटी पर कर्मी
जमुई सदर अस्पताल के डीएस डॉ. सैयद नौशाद अहमद ने बताया कि-
- डॉक्टर को पोस्टमार्टम हाउस तक जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था नहीं है
- जगह काफी सुनसान है, सुरक्षा का भी कोई इंतजाम नहीं है
- इस संबंध में अपने वरीय अधिकारियों को पत्र के माध्यम से सूचित कर चुका हूं. लेकिन अभी तक कोई इंतजाम नहीं हो पाया है.