जमुई: जिले के चंद्रमंडीह थाना के ठाड़ी पंचायत के हरला गांव निवासी नुनवा बेसरा को चन्द्रमंडी पुलिस ने हरला गांव स्थित जंगल के पास से 17 दिन बाद बरामद कर लिया. इस मामले में चंद्रमंडीह थाना अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने बताया कि अपहृत व्यक्ति नुनुवा बेसरा ने बताया कि उसे 9 अगस्त को सुबह सोनो सगवरिया गांव के मुंशी हासदा घर से बुलाकर ले गया था.
विरोध करने पर मारपीट
वहां से ले जाने के क्रम में नुनुवा ने देखा कि उनके खेत में जयपाल टूडू, छोटेलाल टुडु, मानिक सोरेन, छोटेलाल सोरेन, संजय सोरेन, सुरेंद्र सोरेन, मंजू सोरेन और माधव सोरेन उनके खेत को जोत रहे हैं. जिसके बाद उन्होंने इसका विरोध किया तो, उन लोगों ने उनके साथ मारपीट की और हाथ-पांव बांधकर सिधेसरी जंगल ले जाकर रख दिया.
जंगली इलाके में छापेमारी
वहां से दो नए व्यक्ति आए जिसे वह नहीं पहचानते हैं. इनके आंख में गमछा बांधकर जंगल में घुमाते रहे. जिसके बाद उन्हें जंगल में कहां-कहां रखा, उन्हें कुछ भी पता नहीं चला. इस बीच पुलिस लगातार नुनवा बेसरा की बरामदगी के लिए जंगली इलाके में छापेमारी करती रही.
हरला जंगल से बरामद
पुलिस दबिश के बीच आखिरकार अपहर्ताओं ने 23 अगस्त को मुन्ना बेसरा का हाथ-पैर और आंख का पट्टी खोल कर जंगल में छोड़ दिया. जिसके बाद 3 दिन तक वह जंगल में भटकता रहा. आखिरकार गुरुवार की सुबह सूचना मिलने के बाद पुलिस ने उसे हरला जंगल से बरामद कर लिया. पुलिस ने बताया कि घटना में शामिल सभी लोगों की पहचान कर ली गई है. शीघ्र ही सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.