जमुईः ओडिशा ट्रेन हादसे में मृतक का शव जमुई पहुंचा. शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक रणवीर कुमार है जो जमुई के पांडो निवासी था. वह अपने साथी के साथ घर आ रहा था, इसी दौरान हादसा हो गया. शव पहुंचने की सूचना पर पूरे गांव के लोग मृतक के घर पर इकट्ठा हो गए. मां कंचन देवी, पिता कृष्ण मंडल ओर भाभी का रो रोकर बुरा हाल था. मां को रोते देख गांव वाले के भी आंसू रुक नहीं पा रहे थे. मां बार-बार बेहोश हो जा रही थी.
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भाईयों ने बयां किया मंजरः हादसे के वक्त साथ में आ रहे मिथलेशऔर गौतम भी थे, जिसने घटना के बारे में बताया. दोनों इस हादसा में बाल-बाल बच गए. उसने आंखों देखा हाल बताया. बताया कि मृतक रणवीर के मशेरा भाई की शादी थी. शादी समारोह में शामिल होने के लिए हम लोग घर आ रहे थे. हम तीनों दोस्त एक ही बोगी में सवार थे. बोगी के ऊपर वाली केबिन में हम बैठे हुए थे. मृतक निचला सीट पर बैठकर सफर कर रहा था.
एक दूसरे पर गिरते गए यात्रीः बालासोर स्टेशन के नजदीक वहानगा बाजार के पास जैसे ही ट्रेन पहुंची एक जोरदार सा आवाज हुआ. आवाज होते की ट्रेन की बत्ती बुझ गई. जब तक हम लोग कुछ समझ पाते तब तक ट्रेन की कई बोगियां पटरी से 30 फीट गड्ढे में जा गिरी. इसके बाद लोगों की चीख-पुकार सुनाई देने लगी. अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था. किसी तरह हमलोगों ने रणवीर को खोजकर निकाला और उसे अस्पताल के लिए ले गया, लेकिन उसकी मौत हो गई.
"हमलोग शादी समारोह में शामिल होने के लिए आ रहे थे. इसी दौरान हादसा हो गया. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कुछ समझ में नहीं आया. ट्रेन की बॉगी पलट गई. यात्री एक दूसरे पर गिरने लगे. ऊपर से सामान के नीचे दब गए. किसी तरह रणवीर को खोजकर बाहार निकाला. इस दौरान कई महिला यात्री को भी हमलोगों ने निकालने का काम किया. बहुत ही भयावह हादसा था." -मिथलेश कुमार, मृतक का भाई
घचटा के वक्त लाइट बंदः घटना के वक्त साथ में रहे गौतम कुमार ने बताया कि लाइट बंद होने के कारण कुछ नहीं दिखाई दे रहा था. सभी एक दूसरे पर गिरे हुए थे. किसी तरह रणवीर को खींच कर निकाला गया. उस समस सांस चल रही थी, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई. लोगों से सहायता मांगी, लेकिन किसी ने गाड़ी नहीं दी. अंत में रणवीर को लेकर पैदल ही चल दिए. हाफ किलोमीटर चलने के बाद रास्ते में एंबुलेंस मिली, जिसमें लोडकर अस्पताल भेजा गया. अस्पताल में डॉक्टरों ने रणवीर को मृत घोषित कर दिया.
"हम ऊपर वाली सीट पर थे. जिस समय हादसा हुआ, सभी लोग एक दूसरे पर गिरने लगे. सारा सामान यात्री के ऊपर गिर गए. हमने किसी तरह पंखा पकड़ कर लटक गए, जिससे जान बची. सभी लोग मर गए. किसी तरह रणवीर को खोजकर निकाला और अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई. जिस डब्बे में हम लोग सवार थे. उस डब्बे में मात्र 6 लोग ही जिंदा रहे बाकी सभी लोग की मृत्यु हो गई. " -गौतम कुमार, मृतक भाई
288 लोगों की मौतः ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे में कुल 288 लोगों की मौत हो गई. हजारों लोग इसमें घायल हैं. मरने वालों में बिहार के तीन यात्री के अवाले अन्य राज्यों के लोग शामिल है. यह हादसा शुक्रवा की शाम करीब 7 बचे हुआ. ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी में तीन-तरफ़ा दुर्घटना हो गई.