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जमुई में कूड़े के ढेर से मिली नवजात, निसंतान दंपत्ति ने लिया गोद

जमुई में एक नवजात को कूड़े को ढेर से आशा कार्यकर्ता ने निकालकर उसको नई जिंदगी दी. वहीं, एक निसंतान दंपत्ति ने नवजात को गोद लिया है.

जमुई
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Published : Mar 9, 2021, 12:08 PM IST

जमुई(झाझा): संतान की प्राप्ति के लिये लोग जहां देवी देवताओं की चैखट पर मन्नतें मांगते हैं. वहीं, एक निर्दय मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को सड़क किनारे फेंक दिया. ताजा मामला थानाक्षेत्र अंतगर्त फतेहपुर गांव के पास का है. जहां आशा कार्यकर्ता ललिता देवी ने घर के बाहर कुछ दूरी पर कूड़े के ढेर में कपड़े में लिपटे एक नवजात को देखा, जिसे एक कुत्ता नोचने की कोशिश कर रही थी. नवजात की आवाज सुनकर तुरंत ललीता ने उक्त बच्ची को अपनी गोद में लेकर तुंरत रेफरल अस्पताल पहुंची और इलाज करवाया.

ये भी पढ़ें- खगड़िया हादसा: अब तक निकाले गए 6 शव, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, राज्यपाल-मुख्यमंत्री ने जताया शोक

कूड़े के ढेर में मिली नवजात
वहीं, इस बात की जानकारी लोगों को मिलते ही फतेहपुर गांव के रहने वाले नागो मंडल की पत्नी मुनिया देवी ने नवजात को मां की ममता देने की इच्छा जताते हुये उसे अपने पास रखने की बात कही. इसके बाद नवजात को गोद लेने के लिये थाना पहुंची, जहां कागजात बनवाकर नवजात को उसे सौंप दिया गया. मुनिया देवी ने बताया कि उनकी एक भी संतान नहीं है और संतान की प्राप्ति के लिये कई वर्षों से ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी. जिसको ईश्वर ने उक्त नवजात को गोद मे देकर पूरा कर दिया.

बच्ची का कराया इलाज
आशा कार्यकर्ता ललीता देवी की ओर से आवारा पशु से नवजात को बचाने के बाद उसका इलाज करके नई जिदंगी दी. जिसके लिये ग्रामीणों ने आशा कार्यकर्ता की प्रशंसा की. वहीं, गोद लेने वाली मुनिया देवी की भी लोगों ने सराहना की.

जमुई(झाझा): संतान की प्राप्ति के लिये लोग जहां देवी देवताओं की चैखट पर मन्नतें मांगते हैं. वहीं, एक निर्दय मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को सड़क किनारे फेंक दिया. ताजा मामला थानाक्षेत्र अंतगर्त फतेहपुर गांव के पास का है. जहां आशा कार्यकर्ता ललिता देवी ने घर के बाहर कुछ दूरी पर कूड़े के ढेर में कपड़े में लिपटे एक नवजात को देखा, जिसे एक कुत्ता नोचने की कोशिश कर रही थी. नवजात की आवाज सुनकर तुरंत ललीता ने उक्त बच्ची को अपनी गोद में लेकर तुंरत रेफरल अस्पताल पहुंची और इलाज करवाया.

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कूड़े के ढेर में मिली नवजात
वहीं, इस बात की जानकारी लोगों को मिलते ही फतेहपुर गांव के रहने वाले नागो मंडल की पत्नी मुनिया देवी ने नवजात को मां की ममता देने की इच्छा जताते हुये उसे अपने पास रखने की बात कही. इसके बाद नवजात को गोद लेने के लिये थाना पहुंची, जहां कागजात बनवाकर नवजात को उसे सौंप दिया गया. मुनिया देवी ने बताया कि उनकी एक भी संतान नहीं है और संतान की प्राप्ति के लिये कई वर्षों से ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी. जिसको ईश्वर ने उक्त नवजात को गोद मे देकर पूरा कर दिया.

बच्ची का कराया इलाज
आशा कार्यकर्ता ललीता देवी की ओर से आवारा पशु से नवजात को बचाने के बाद उसका इलाज करके नई जिदंगी दी. जिसके लिये ग्रामीणों ने आशा कार्यकर्ता की प्रशंसा की. वहीं, गोद लेने वाली मुनिया देवी की भी लोगों ने सराहना की.

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