जमुई: चुनाव कैंपेनिंग के दौरान पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की तबीयत बिगड़ी थी. जिसके बाद उन्हे पटना में भर्ती कराया गया था और अब पूर्व मंत्री को मिली सुरक्षा वापस ले ली गई है. इसको लेकर नव निर्माण मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता धनंजय सिंह ने राज्य सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने द्वेष और प्रतिशोध की भावना से सुरक्षाकर्मियों को वापस लिया है.
पूर्व मंत्री को दी गई सुरक्षा ली गई वापस
नव निर्माण मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता ने कहा कि बिहार के जन-जन के नेता पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह उग्रवाद प्रभावित इलाके के रहने वाले हैं. सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी. यह दुर्भाग्य है कि स्वयं पूर्व मंत्री बीमार हैं ऐसे विकट परिस्थितियों में 'राज्य सरकार ने द्वेष और प्रतिशोध की भावना से उनके यहां से सुरक्षाकर्मी को को वापस ले लिया. जो बहुत ही चिंतनीय और अलोकतांत्रिक है. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री रहे हैं क्षेत्र में लगातार भ्रमण करते हैं. लोगों के बीच जाते रहे हैं ऐसे में नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण खतरा गंभीर चुनौती के रूप में रहता है. ऐसे में पूर्ण सुरक्षा देने के बजाय मिले सुरक्षाकर्मियों को भी वापस ले लिया गया.
जन आंदोलन की होगी शुरुआत
जानकारी के अनुसार, 2009 में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह पर खतरा देखते हुऐ पत्रांक संख्या 5831 दिनांक 4 अगस्त 2009 को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी. दोबारा जिला प्रशासन जमुई की ओर से सुरक्षा जेड श्रेणी से बढ़ाकर जेड प्लस करने की अनुशंसा पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग को भेजा गया था. जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक ने पत्रांक संख्या 1965 दिनांक 14 नवंबर 2014 को दोबारा सुरक्षा जेड प्लस श्रेणी करने की अनुशंसा गृह सचिव को भेजी. लेकिन दुर्भाग्य से सुरक्षा बढ़ाने के बजाय 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पद संभालते ही सुरक्षा जेड श्रेणी से हटाकर वाई श्रेणी में डाल दिया गया. नव निर्माण मोर्चा के प्रवक्ता की माने तो पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह अपनी सुरक्षा बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दर्जनों बार पत्र लिख चुके हैं. उनका कहना है सरकार से अपील है कि पूर्व मंत्री की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करें. ऐसा नहीं होने पर पूरे राज्य में एक बड़े जन आंदोलन की शुरुआत की जाएगी.