जमुई(झाझा): चार दिनों तक चलने वाला लोकआस्था का महापर्व छठ उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. कोरोना काल को देखते हुये छठ व्रती और श्रद्वालुओं ने सरकारी आदेशों का पालन करते हुये अपने-अपने घर के छत, आंगन में ही भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया.
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आंगन में व्रतियों ने दिया अर्घ्य
सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए इस बार चैती छठ का उत्साह घर के आंगन तक सिमट गया है. कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए कई व्रतियों ने छठ पर्व करना रद्द कर दिया है. आस्था और विश्वास का पर्व चैती छठ में व्रती इस बार प्रार्थना कर रही हैं कि पृथ्वी से कोरोना महामारी समाप्त हो जाए. बता दें कि चैत्री छठ पर्व में आज छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया है.
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क्या हैं मान्यताएं
श्रद्वालुओं ने बताया कि लोक आस्था के इस महापर्व को लोग बहुत श्रद्वा के साथ मनाते हैं. लोगों ने बताया कि चैती छठ के दौरान जो भी मन्नतें मांगी जाती हैं, वो पूरी होती हैं. लोग अपनी मन्नतों को पूरा करने के लिये ये व्रत पूरा करते हैं. वहीं चैती छठ संपन्न होने के बाद लोगों ने महाप्रसाद ग्रहण किया.
बता दें कि छठ व्रती इस व्रत को बहुत ही पवित्रता और सात्विकता के साथ करते हैं. इसमें मौसमी फलों और ठेकुआ का प्रसाद तैयार किया जाता है और नदी या तालाब में पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.