जमुई: लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्य में फंसे कई प्रवासियों को अब तक सरकारी मदद नसीब नहीं हुई है. मजदूरों को वाहन नहीं मिलने के कारण वे मजबूरन पैदल ट्रेन की पटरी के रास्ते अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. बीते शनिवार को भी ऐसा ही नजारा जमुई जिले में देखा गया. जहां पश्चिम बंगाल के खड़गपुर से मजदूरों का जत्था बिहार के वैशाली के लिए निकला दिखा.
जानकारी के मुताबिक वैशाली निवासी संजीत कुमार अपने 5 दोस्तों के साथ बंगाल की एक प्राइवेट भवन निर्माण कंपनी में मजदूरी का काम करता था. लेकिन, लॉकडाउन के कारण वे पिछले 2 महीने से अधिक समय तक वहीं फंसे हुए थे. इस दौरान उनके सामने खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गई थी. जिसको लेकर सभी ने स्थानीय प्रशासन से घर जाने की अनुमति भी मांगी. लेकिन, उन्हें कोई मदद नहीं मिली. जिसके बाद वे बचाए पैसों से साइकिल खरीदकर उसके सहारे गृह जिले के लिए निकल गए.
मजदूरों ने सुनाई आपबीती
पीड़ित मजदूरों ने बताया कि मजदूरी करके कमाए और बचाए रुपयों से उन सभी ने मंगलवार 19 मई को साइकिल खरीदी. साइकिल लेकर संजीत कुमार, उमेश राय, अमोद कुमार, विपिन कुमार और धर्मेंद्र कुमार ने खड़गपुर से वैशाली के लिए रवाना हो गए. 5 दिनों में उन लोगों ने 416 किलोमीटर की दूरी तय की और शनिवार को जमुई पहुंचे. सभी मजदूर 178 कि.मी. तयकर सिकंदरा से शेखपुरा नालंदा के रास्ते अपने घर वैशाली पहुंचेंगे. वहीं, प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वे 2 दिनों तक भूखे चले थे. रास्ते में लोगों ने इन्हें खाद्य सामग्री मुहैया कराई.