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बिहार: आम मरीजों की तरह कोरोना संदिग्धों ने कटवायी पर्ची, आइसोलेशन वार्ड में लटक रहा ताला

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Published : Mar 17, 2020, 10:59 PM IST

जहां एक ओर कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई दिशा निर्देश जारी कर चुकी है. वहीं, जमुई के सदर अस्पताल में बनाए गये आइसोलेशन वार्ड में ताला लटका हुआ है. संदिग्ध मरीज आम मरीजों के साथ लाइन में लगकर पर्ची कटवा रहे हैं और इलाज करवा रहे हैं.

कोरोना वायरस
कोरोना वायरस

जमुई: सदर अस्पताल में मंगलवार को कोरोना के चार संदिग्ध मरीज जांच के लिए पहुंचे. इन सबके बीच एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल पहुंचे इन मरीजों को यहां बनाया गया आइसोलेशन वार्ड बंद मिला. इसके बाद मरीजों ने अपना इलाज ओपीडी में करवाया.

आइसोलेशन वार्ड में ताला बंद होने पर सभी संदिग्ध मरीजों ने पर्ची काउंटर से पर्ची कटवायी. वहीं, इन्होंने आम मरीजों की तरह ओपीडी कक्ष में मौजूद चिकित्सक डॉ. नौशाद से अपना इलाज करवाया. जहां डॉक्टर ने सभी को सीबीसी ब्लड जांच करवाने का आदेश दिया, जिसमें एक युवक संदिग्ध पाया गया है.

देखिए, सदर अस्पताल में लापरवाही का आलम

महाराष्ट्र से आए चार दोस्त
जानकारी मुताबिक, जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत काला पंचायत के जिहरा गांव निवासी राहुल कुमार अपने तीन दोस्त मनीष कुमार, सचिन कुमार, श्याम साव के साथ महाराष्ट्र में ऑटो चलाता है. बुखार और खांसी की शिकायत और कोरोना वायरस के डर से वह मंगलवार को अपने साथियों के साथ घर पहुंचा. जहां परिजन चारो को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए.

मास्क भी नहीं पहनते स्वास्थ्यकर्मी
मास्क भी नहीं पहनते स्वास्थ्यकर्मी

लापरवाही नहीं तो क्या?
कोरोना वायरस टेस्ट के लिए सदर अस्पताल में थंबल मशीन की व्यवस्था भी नहीं है. वहीं, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर सैयद नौशाद अहमद ने बताया कि कोरोना की जांच को लेकर मशीन सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. इसीलिए लक्षण देखकर मरीज को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर अथवा पटना भेज दिया जाता है.

वहीं, मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों में भी जागरूकता का घोर अभाव देखने को मिला. रोजाना, सैकड़ों मरीजों का इलाज करने वाले ये स्वास्थ्य कर्मी बिना मास्क के नजर आए.

जमुई: सदर अस्पताल में मंगलवार को कोरोना के चार संदिग्ध मरीज जांच के लिए पहुंचे. इन सबके बीच एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल पहुंचे इन मरीजों को यहां बनाया गया आइसोलेशन वार्ड बंद मिला. इसके बाद मरीजों ने अपना इलाज ओपीडी में करवाया.

आइसोलेशन वार्ड में ताला बंद होने पर सभी संदिग्ध मरीजों ने पर्ची काउंटर से पर्ची कटवायी. वहीं, इन्होंने आम मरीजों की तरह ओपीडी कक्ष में मौजूद चिकित्सक डॉ. नौशाद से अपना इलाज करवाया. जहां डॉक्टर ने सभी को सीबीसी ब्लड जांच करवाने का आदेश दिया, जिसमें एक युवक संदिग्ध पाया गया है.

देखिए, सदर अस्पताल में लापरवाही का आलम

महाराष्ट्र से आए चार दोस्त
जानकारी मुताबिक, जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत काला पंचायत के जिहरा गांव निवासी राहुल कुमार अपने तीन दोस्त मनीष कुमार, सचिन कुमार, श्याम साव के साथ महाराष्ट्र में ऑटो चलाता है. बुखार और खांसी की शिकायत और कोरोना वायरस के डर से वह मंगलवार को अपने साथियों के साथ घर पहुंचा. जहां परिजन चारो को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए.

मास्क भी नहीं पहनते स्वास्थ्यकर्मी
मास्क भी नहीं पहनते स्वास्थ्यकर्मी

लापरवाही नहीं तो क्या?
कोरोना वायरस टेस्ट के लिए सदर अस्पताल में थंबल मशीन की व्यवस्था भी नहीं है. वहीं, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर सैयद नौशाद अहमद ने बताया कि कोरोना की जांच को लेकर मशीन सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. इसीलिए लक्षण देखकर मरीज को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर अथवा पटना भेज दिया जाता है.

वहीं, मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों में भी जागरूकता का घोर अभाव देखने को मिला. रोजाना, सैकड़ों मरीजों का इलाज करने वाले ये स्वास्थ्य कर्मी बिना मास्क के नजर आए.

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