जमुई: बिहार में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों की कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी है. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार सब कुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा है. ताजा मामला जमुई सदर अस्पताल का है, जहां लाखों का वेंटिलेटर रसोई घर में धूल फांक रहे हैं. कोरोना मरीज के इलाज के लिए चार वेंटिलेटर पीएम केयर्स फंड से मिले थे, जिसका लाभ आजतक मरीजों को नहीं मिल पाया है.
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पीएम केयर्स फंड से मिले थे चार वेंटिलेटर
जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष 2020 के अगस्त महीने में पीएम केयर्स फंड से चार वेंटिलेटर मिले थे. जो कुशल ऑपरेटर या टेक्नीशियन नहीं रहने के कारण आजतक चालू नहीं हो पाया. ऐसे महामारी के समय में भी इसका उपयोग नहीं हो पाया, जब इस कोविड महामारी के समय एक वेंटिलेटर के बिना हर दिन लोगों की मौत हो रही है. इन सबके बीच स्वास्थ्य विभाग लगातार सबकुछ ठीक कर लेने का दावा करता रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है.
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क्या कहते हैं सिविल सर्जन
जानकारी देने पर सिविल सर्जन विनय कुमार शर्मा ने पहले कहा कि चारों वेंटिलेटर कोविड वार्ड में इंस्टॉल है. लेकिन जब बताया गया कि चार वेंटिलेटर किचन रूम में पड़ा है, तो बोले इसकी जानकारी नहीं है, हम दिखवा लेते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बिना उपयोग में लाऐ लाखों का वेंटिलेटर किचन रूम में पड़ा धूल फांकते खराब हो गया. तो इसकी जवाहदेही किसकी होगी.