जमुईः बिहार के जमुई सदर अस्पताल में डॉक्टर के ड्यूटी से गायब होने के कारण इलाज के लिए एक मरीज की मौत हो गई. मरीज को सांस लेने में तकलीफ (Heart Patient Died In Jamui Sadar Hospital) थी और उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया था. अस्पताल में किसी डॉक्टर ने उनको ऑक्सीजन तो लगा दिया था, लेकिन समय पर डॉक्टर द्वारा नहीं देखे जाने से उनकी मौत हो गई. परिजन इलाज में लापरवाही (Allegation On Doctor To Negligence In Treatment) की वजह से जान जाने का आरोप लगा रहे हैं.
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सांस लेने में थी मरीज को तकलीफः दरअसल टाउन थाना क्षेत्र के कल्याणपुर मोहल्ले के पप्पू राम अपने पिता किसुन राम का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे थे. किसुन राम को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. जिन्हें लेकर परिजन अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे थे. सदर अस्पताल के किसी डॉक्टर द्वारा उनको ऑक्सीजन लगाया गया और उसके बाद उन्हें इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. जब उनको इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया गया था, उसके बाद से सदर अस्पताल के इमरजेंसी से डॉक्टर गायब हो गए. जिसकी वजह से परिजन इलाज में लापरवाही की वजह से जान जाने का आरोप लगा रहे हैं.
उपाधीक्षक ने दिया ये जवाबः वहीं, इस मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक नौशाद अहमद (Deputy Superintendent Naushad Ahmed) इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. जब उनसे डॉक्टर के ड्यूटी पर नहीं रहने की बात पूछी गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया. उनका साफ कहना था कि डॉक्टर हमारी नहीं सुनते हैं. यह काम चिकित्सा अधीक्षक का है, उनके द्वारा ही हॉस्पिटल में डॉक्टरों की ड्यूटी निर्धारित होती है. जब उनसे पूछा गया कि मरीज की मौत की जिम्मेदारी किसकी है, तो उन्होंने बताया कि मरीज की मौत होती है, तो उसकी जिम्मेदारी डॉक्टर पर है.
"ड्यूटी के रोस्टर के हिसाब से डॉ मृत्युंजय की ड्यूटी थी. वे अपनी ड्यूटी के जगह पर डॉ एजाज को ड्यूटी देकर चले गए. डॉ एजाज को हार्ट की समस्या है, जिसको दिखाने के लिए वह आवेदन देकर अपना इलाज कराने पटना चले गए. मैं खुद बीमार हूं, उसके बाद भी मैं ड्यूटी पर आया हूं"- नौशाद अहमद, उपाधीक्षक
"कब से आएं हैं जख्मी लेकर ज्यादा परेशानी बढ़ गया है, कोई डॉक्टर देखने नहीं आया है दो घंटे से, कई बार गए बुलाने, एक बार देखा तो चिट्ठा लिखकर दिया बाहर से दवा लाकर दिए. उसेक बाद कोई नहीं आ रहा है. कोई इलाज सही से नहीं होता, डॉक्टर ही गायब रहते हैं, ये मेरे बगल के हैं. इनकी बहू परेशान हैं, हार्ट की बीमारी है इनको भी कोई नहीं देख रहा "- मरीज के परिजन
चिकित्सा अधीक्षक ने झाड़ा अपना पल्लाः वहीं, जब जिला चिकित्सा अधीक्षक अजय भारती से इस मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में आप चिकित्सा उपाधीक्षक नौशाद अहमद से बात करीए. बरहाल सदर अस्पताल के प्रबंधन की लापरवाही से आज एक व्यक्ति को फिर से अपनी जान गंवानी पड़ी. आखिर कब तक डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से सदर अस्पताल में मरीज अपनी जान गवाते रहेंगे.
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