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जमुई में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई केस की सुनवाई, CJM कोर्ट ने दी जमानत - case solved by video conferencing

जुमई जिलें में पहली बार किसी वकील ने केस की ऑनलाइन फाइलिंग की. जिसके बाद पहली बार एक केस में सुनवाई हुई.

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Published : May 30, 2020, 7:42 PM IST

जमुई: लॉकडाउन में शनिवार को पहली बार सीजेएम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक केस की सुनवाई की. जिसमें एक को बेल दी गई. बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता रूपेश कुमार सिंह ने एक केस की इंटरनेट फाइलिंग की थी. जिस पर सुनवाई हुई.

मार्च महीने में पूरे देश में लॉकडाउन के 2 महीने से अधिक होने को हैं. जमुई के पहले अधिवक्ता द्वारा दायर जमानत की अर्जी पर इंटरनेट से फाइलिंग और व्हाट्सएप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सुनवाई के बाद सीजेएम ने जमानत दी.

5000 के मुचलके पर जमानत
अधिवक्ता रूपेश कुमार सिंह की जमानत की अर्जी पर दोनों पक्षों को शनिवार के दिन में करीब 10:00 बजे व्हाट्सएप पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ा गया. जिसमें सरकार की ओर से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी गुलाब चंद्र गुप्ता ने जमानत का पुरजोर विरोध किया. जबकि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने 5000 के मुचलके पर मनोज जोशी को रिहा करने का आदेश जारी किया.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर जुड़े दोनों पक्ष

जमुई में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई
इस दौरान इंटरनेट फाइलिंग से लेकर डिफेक्ट दूर करने और सुनवाई तक की प्रक्रिया में कोर्ट मास्टर खालिद मोहम्मद निजाम ने मदद की. उन्होंने बताया कि न्यायिक प्रक्रिया किसी भी हालत में बंद नहीं हो सकती. इस कारण माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में इंटरनेट से फाइलिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई का प्रावधान किया गया था, लेकिन पूरे लॉक डाउन के दौरान पटना के एक अधिवक्ता ने पटना से ही जमानत की दो अर्जियां फाइल की. जमुई के किसी अधिवक्ता ने इंटरनेट से फाइलिंग की व्यवस्था का इस्तेमाल नहीं किया था.

कोर्ट मास्टर ने क्या कहा
प्रभारी जिला जज सह एडीजे तृतीय शब्बीर साहब एडीजे पंचम उमेश कुमार शर्मा और मुख्य अधिकारी मनोज कुमार के अलावे कोर्ट मास्टर ने कहा कि ईफाइलिंग की प्रक्रिया अत्यंत सरल है टेक्नोलॉजी के हिसाब से लोग इस प्रक्रिया को अपनाएं. जिससे लोगों को न्याय मिलने में आसानी हो और लॉक डाउन के दौरान अधिवक्ताओं का कार्य प्रभावित नहीं होगा. उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील की है कि वे जमानत की पूर्व की तरह अर्जियां तैयार कर नियमों के मुताबिक इसे ई फाइलिंग से दायर कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर सकते हैं.

अब ई-फाइलिंग की सुविधा
सुनवाई के बाद उत्साहित जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष चंदेश्वर उपाध्याय और महासचिव विपिन कुमार सिन्हा ने कहा कि वह भी संघ में बेल एवं अन्य आवेदन फाइल करने के लिए इंटरनेट की व्यवस्था कर चुके हैं. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए अधिवक्ताओं को भरपूर सहयोग किया जाएगा. इसलिए हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला न्यायालय के सभी न्यायालय में की गई फाइलिंग की व्यवस्था का लाभ उठाकर न्यायिक प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलायें.

जमुई: लॉकडाउन में शनिवार को पहली बार सीजेएम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक केस की सुनवाई की. जिसमें एक को बेल दी गई. बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता रूपेश कुमार सिंह ने एक केस की इंटरनेट फाइलिंग की थी. जिस पर सुनवाई हुई.

मार्च महीने में पूरे देश में लॉकडाउन के 2 महीने से अधिक होने को हैं. जमुई के पहले अधिवक्ता द्वारा दायर जमानत की अर्जी पर इंटरनेट से फाइलिंग और व्हाट्सएप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सुनवाई के बाद सीजेएम ने जमानत दी.

5000 के मुचलके पर जमानत
अधिवक्ता रूपेश कुमार सिंह की जमानत की अर्जी पर दोनों पक्षों को शनिवार के दिन में करीब 10:00 बजे व्हाट्सएप पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ा गया. जिसमें सरकार की ओर से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी गुलाब चंद्र गुप्ता ने जमानत का पुरजोर विरोध किया. जबकि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने 5000 के मुचलके पर मनोज जोशी को रिहा करने का आदेश जारी किया.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर जुड़े दोनों पक्ष

जमुई में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई
इस दौरान इंटरनेट फाइलिंग से लेकर डिफेक्ट दूर करने और सुनवाई तक की प्रक्रिया में कोर्ट मास्टर खालिद मोहम्मद निजाम ने मदद की. उन्होंने बताया कि न्यायिक प्रक्रिया किसी भी हालत में बंद नहीं हो सकती. इस कारण माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में इंटरनेट से फाइलिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई का प्रावधान किया गया था, लेकिन पूरे लॉक डाउन के दौरान पटना के एक अधिवक्ता ने पटना से ही जमानत की दो अर्जियां फाइल की. जमुई के किसी अधिवक्ता ने इंटरनेट से फाइलिंग की व्यवस्था का इस्तेमाल नहीं किया था.

कोर्ट मास्टर ने क्या कहा
प्रभारी जिला जज सह एडीजे तृतीय शब्बीर साहब एडीजे पंचम उमेश कुमार शर्मा और मुख्य अधिकारी मनोज कुमार के अलावे कोर्ट मास्टर ने कहा कि ईफाइलिंग की प्रक्रिया अत्यंत सरल है टेक्नोलॉजी के हिसाब से लोग इस प्रक्रिया को अपनाएं. जिससे लोगों को न्याय मिलने में आसानी हो और लॉक डाउन के दौरान अधिवक्ताओं का कार्य प्रभावित नहीं होगा. उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील की है कि वे जमानत की पूर्व की तरह अर्जियां तैयार कर नियमों के मुताबिक इसे ई फाइलिंग से दायर कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर सकते हैं.

अब ई-फाइलिंग की सुविधा
सुनवाई के बाद उत्साहित जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष चंदेश्वर उपाध्याय और महासचिव विपिन कुमार सिन्हा ने कहा कि वह भी संघ में बेल एवं अन्य आवेदन फाइल करने के लिए इंटरनेट की व्यवस्था कर चुके हैं. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए अधिवक्ताओं को भरपूर सहयोग किया जाएगा. इसलिए हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला न्यायालय के सभी न्यायालय में की गई फाइलिंग की व्यवस्था का लाभ उठाकर न्यायिक प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलायें.

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