जमुई: पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह लॉकडाउन के कारण लंबे समय से अपने गांव पकरी में हैं. वो गांव में किसानों के साथ खेल खलिहान में कृषि संबंधित काम कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि सरकार से निवेदन है कि मनरेगा योजना को खेती से जोड़ देना चाहिए. इसमें फर्जीवाड़ा हो रहा है, कहीं काम नहीं हो रहा है.
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह जमुई के खैरा प्रखंड अंतर्गत पकरी गांव के रहने वाले हैं. उनसे खास बातचीत के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता उनके गांव पहुंचे. वो इस दौरान खेतों में ट्रैक्टर से जुताई कर रहे थे. किसानों के साथ खेती के कार्य में लगे हुए थे. बातचीत में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि राजनीति में रहते पहली बार अपने गांव में इतने लंबे समय तक लॉकडाउन के कारण रहने का मौका मिला है. बचपन में ही इतना लंबा समय गांव में बीता था. चाचा ही खेती का काम देखते थे. लॉकडाउन के नियमों को पालन करने के लिए गांव में ही रुक गया. किसानों को खेती के कामों में सहयोग करने लगा.
'मंत्री, विधायक को करनी चाहिए किसानी'
मंत्री ने कहा कि जो राजनैतिक व्यक्ति लॉकडाउन में खाली बैठकर इधर-उधर समय बिता रहे थे, ऐसे संकटकाल में उनको राजनीतिक नहीं करनी चाहिए. वो अपने गांव घर में किसानों के साथ कुछ काम करते, लोगों को प्रेरित करने का ये मौका मिला है. मंत्री, विधायक ऐसे व्यक्ति इन कामों को करता है, तो लोगों को प्रेरणा मिलती है. मैं इन कामों को आज कर रहा हूं. गांव में सब्जी सहित अन्य चीजों की खेती बढ़ी है. लोगों की रुचि बढ़ी है. बेरोजगार नौजवान इससे जुड़ रहे हैं.
'मनरेगा में फर्जीवाड़ा हो रहा है'
नरेंद्र सिंह ने कहा कि कृषि एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें 70 प्रतिशत लोग लगे हैं. किसान ही देश के अन्नदाता हैं. किसान करोड़पति, अरबपति नहीं बन सकते, लेकिन दूसरों को अन्न जरूर खिलाते हैं. सरकार से निवेदन है कि मनरेगा योजना को खेती से जोड़ देना चाहिए. खेती से जोड़कर काम लेना चाहिए. ऐसे इसमें फर्जीवाड़ा हो रहा है. मनरेगा में कहीं काम नहीं हो रहा है और पैसा निकाल लिया जा रहा है.