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DM के आदेश पर जांच घर के प्रबंधक और कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज - कोरोना वायरस

डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच घर के प्रबंधक और कर्मियों के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. साथ ही उसके जांच घर का लाइसेंस रद्द करने की तैयारी की जा रही है.

जमुई
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Published : May 2, 2020, 5:29 PM IST

जमुई : डीएम धर्मेंद्र कुमार के आदेश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी पुरुषोत्तम त्रिवेदी ने गौरव अल्ट्रासाउंड जांच घर के प्रबंधक सहित कर्मियों के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया है. बता दें कि 19 अप्रैल को लखीसराय जिले की एक कोरोना पॉजिटिव महिला मरीज का अल्ट्रासाउंड जिले के सदर अस्पताल रोड स्थित गौरव अल्ट्रासाउंड जांच घर में कराया गया था.

जांच घर के कर्मियों के खिलाफ की कार्रवाई
जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से जांच घर को शील कर दिया गया था. जबकि उसके प्रबन्धक और कर्मियों का कोरोना सैपल जांच के लिए पटना भेजते हुए सभी को कोरेन्टीन कर दिया गया था. साथ ही उसमें अल्ट्रासाउंड कराने पंहुचे 44 लोगों का भी जांच कराया गया था. हालांकि किसी में भी संक्रमण नहीं पाया गया था. जांच घर के कर्मियों की ओर मरीज पंजीयन रजिस्टर में गलत पता लिखने के मामले पर जिला प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए जांच घर के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है.

देखें पूरी रिपोर्ट

सैपल भेजा जा रहा है दोबारा
इस दौरान जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच घर के प्रबंधक और कर्मियों के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. साथ ही उसके जांच घर का लाइसेंस रद्द करने की तैयारी की जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण 14 दिनों के बाद भी पता चलता है. इसीलिए इन लोगों का सैपल दोबारा भेजा जा रहा है.

जमुई : डीएम धर्मेंद्र कुमार के आदेश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी पुरुषोत्तम त्रिवेदी ने गौरव अल्ट्रासाउंड जांच घर के प्रबंधक सहित कर्मियों के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया है. बता दें कि 19 अप्रैल को लखीसराय जिले की एक कोरोना पॉजिटिव महिला मरीज का अल्ट्रासाउंड जिले के सदर अस्पताल रोड स्थित गौरव अल्ट्रासाउंड जांच घर में कराया गया था.

जांच घर के कर्मियों के खिलाफ की कार्रवाई
जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से जांच घर को शील कर दिया गया था. जबकि उसके प्रबन्धक और कर्मियों का कोरोना सैपल जांच के लिए पटना भेजते हुए सभी को कोरेन्टीन कर दिया गया था. साथ ही उसमें अल्ट्रासाउंड कराने पंहुचे 44 लोगों का भी जांच कराया गया था. हालांकि किसी में भी संक्रमण नहीं पाया गया था. जांच घर के कर्मियों की ओर मरीज पंजीयन रजिस्टर में गलत पता लिखने के मामले पर जिला प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए जांच घर के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है.

देखें पूरी रिपोर्ट

सैपल भेजा जा रहा है दोबारा
इस दौरान जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच घर के प्रबंधक और कर्मियों के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. साथ ही उसके जांच घर का लाइसेंस रद्द करने की तैयारी की जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण 14 दिनों के बाद भी पता चलता है. इसीलिए इन लोगों का सैपल दोबारा भेजा जा रहा है.

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