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जमुईः किसानों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू - strike to take agriculture law back

कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर लगातर किसान संगठन दिल्ली के बार्डर पर डटें है. वहीं बिहार के जमुई में भी अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से अनिश्चित कालीन धरने की शुरूआत कर दी गयी है.

धरना देते किसान
धरना देते किसान
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Published : Jan 9, 2021, 2:18 PM IST

जमुईः अखिल भारतीय किसान महासभा जमुई की जिला कमेटी की ओर से शहर के अंबेडकर मूर्ति के समक्ष किसानों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. यह धरना कृषि कानून को वापस लेने के लिए किसानों के समर्थन में किया जा रहा है. ताकि सरकार पर कृषि कानून वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा सके.


किसान आंदोलन को बदनाम कर रही है सरकार


धरने के मुख्य वक्ता कामरेड शिव सागर शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसान तीनों काले कृषि कानून की वापसी के लिए लगातार संघर्ष के मैदान में 45 दिनों से डटे हुए हैं. केंद्र की भाजपा सरकार लगातार किसान आंदोलन को बदनाम करने उस में फूट डालने की कोशिश कर रही है. दमन की जरिए मनोबल तोड़ने की नाकाम कोशिशें सरकार कर रही है. कंपनीराज की स्थापना के लिए आमदा मोदी सरकार संसार की सबसे संवेदनहीन एवं निकृष्ट सरकार साबित हुई है. अभी तक 56 से ज्यादा हमारे किसान भाइयों ने अपनी शहादत देकर मिसाल कायम किया है.

धरने के दौरान 5 दर्जन से अधिक किसान रहे मौजूद

धरने के दौरान किसान महासभा के जिला सचिव मनोज कुमार पांडे, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कॉमरेड शिव सागर शर्मा सहित माले के जिला सचिव शंभू शरण सिंह, माले नेता बासुदेव राय, जयराम तुरी, आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब, सहित लगभग 5 दर्जन किसान मौजूद रहे.

जमुईः अखिल भारतीय किसान महासभा जमुई की जिला कमेटी की ओर से शहर के अंबेडकर मूर्ति के समक्ष किसानों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. यह धरना कृषि कानून को वापस लेने के लिए किसानों के समर्थन में किया जा रहा है. ताकि सरकार पर कृषि कानून वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा सके.


किसान आंदोलन को बदनाम कर रही है सरकार


धरने के मुख्य वक्ता कामरेड शिव सागर शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसान तीनों काले कृषि कानून की वापसी के लिए लगातार संघर्ष के मैदान में 45 दिनों से डटे हुए हैं. केंद्र की भाजपा सरकार लगातार किसान आंदोलन को बदनाम करने उस में फूट डालने की कोशिश कर रही है. दमन की जरिए मनोबल तोड़ने की नाकाम कोशिशें सरकार कर रही है. कंपनीराज की स्थापना के लिए आमदा मोदी सरकार संसार की सबसे संवेदनहीन एवं निकृष्ट सरकार साबित हुई है. अभी तक 56 से ज्यादा हमारे किसान भाइयों ने अपनी शहादत देकर मिसाल कायम किया है.

धरने के दौरान 5 दर्जन से अधिक किसान रहे मौजूद

धरने के दौरान किसान महासभा के जिला सचिव मनोज कुमार पांडे, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कॉमरेड शिव सागर शर्मा सहित माले के जिला सचिव शंभू शरण सिंह, माले नेता बासुदेव राय, जयराम तुरी, आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब, सहित लगभग 5 दर्जन किसान मौजूद रहे.

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