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इलाज के दौरान जच्चे-बच्चे की हुई मौत, आक्रोशित परिजनों ने सदर अस्पताल में किया जमकर हंगामा

जुमई के सदर अस्पताल में इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो जाने के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. वहीं हंगामे की खबर के बाद सदर थाने की पुलिस अस्पताल पहुंचकर हंगामा कर रहे मृतक के परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया.

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Published : Sep 3, 2020, 7:47 PM IST

treatmenttreatment
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जमुईः जिले के सदर अस्पताल में इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. बताया जाता है कि नगर परिषद क्षेत्र के भछियार मोहल्ला निवासी विकी कुमार की प्रसुता पत्नी को बुधवार की देर रात 8 बजे अचानक प्रसव पीड़ा होने लगा. जिसके बाद पर परिजनों ने उसे सकुशल प्रसव के लिए जिले के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल के प्रसूता वार्ड में भर्ती कराया. जहां ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक डॉ. श्वेता सिंह के मौजूद न रहने पर नर्स ने प्रसूता को भर्ती कराया.

इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत
अस्पताल पहुंचने के कुछ मिनट बाद प्रसूता के पेट में काफी तेज दर्द होने पर परिजन चिकित्सक कक्ष पहुंचकर डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाते रहे. लेकिन महिला चिकित्सक नहीं पहुंची. नतीजन परिजनों ने अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. विजेंद्र सत्यार्थी को फोन लगा कर अपने पत्नी और बच्चा को बचाने की गुहार लगाया. वहीं घंटे बाद भी कोई चिकित्सक नहीं पहुंचे तो परिजन डीएम धर्मेंद्र कुमार को फोन पर पूरी घटना की जानकारी दी. जिसके बाद अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. सैयद नौशाद अहमद जिला अस्पताल पहुंचे. लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

देखें पूरी रिपोर्ट

परिजनों ने अस्पताल परिसर में किया हंगामा
वहीं चिकित्सक के अभाव में दर्द से करहारती रही जच्चा-बच्चा ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और अस्पताल परिसर में फैले कुव्यवस्था को लेकर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ परिसर में घंटों हंगामा किया. हालांकि हंगामे की खबर के बाद सदर थाने की पुलिस अस्पताल पहुंचकर हंगामा कर रहे मृतक के परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. वहीं मृतक के परिजनों तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए जिलाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी से सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की मांग की. अन्यथा आगे धरना प्रदर्शन करने की बात कही है.

जमुईः जिले के सदर अस्पताल में इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. बताया जाता है कि नगर परिषद क्षेत्र के भछियार मोहल्ला निवासी विकी कुमार की प्रसुता पत्नी को बुधवार की देर रात 8 बजे अचानक प्रसव पीड़ा होने लगा. जिसके बाद पर परिजनों ने उसे सकुशल प्रसव के लिए जिले के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल के प्रसूता वार्ड में भर्ती कराया. जहां ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक डॉ. श्वेता सिंह के मौजूद न रहने पर नर्स ने प्रसूता को भर्ती कराया.

इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत
अस्पताल पहुंचने के कुछ मिनट बाद प्रसूता के पेट में काफी तेज दर्द होने पर परिजन चिकित्सक कक्ष पहुंचकर डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाते रहे. लेकिन महिला चिकित्सक नहीं पहुंची. नतीजन परिजनों ने अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. विजेंद्र सत्यार्थी को फोन लगा कर अपने पत्नी और बच्चा को बचाने की गुहार लगाया. वहीं घंटे बाद भी कोई चिकित्सक नहीं पहुंचे तो परिजन डीएम धर्मेंद्र कुमार को फोन पर पूरी घटना की जानकारी दी. जिसके बाद अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. सैयद नौशाद अहमद जिला अस्पताल पहुंचे. लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

देखें पूरी रिपोर्ट

परिजनों ने अस्पताल परिसर में किया हंगामा
वहीं चिकित्सक के अभाव में दर्द से करहारती रही जच्चा-बच्चा ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और अस्पताल परिसर में फैले कुव्यवस्था को लेकर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ परिसर में घंटों हंगामा किया. हालांकि हंगामे की खबर के बाद सदर थाने की पुलिस अस्पताल पहुंचकर हंगामा कर रहे मृतक के परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. वहीं मृतक के परिजनों तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए जिलाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी से सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की मांग की. अन्यथा आगे धरना प्रदर्शन करने की बात कही है.

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