जमुई: बिहार के जमुई जिले के लाल डॉ रवि रंजन कुमार उर्फ रौशन का नाम दुनिया के सकारात्मक परिवर्तन निर्माताओं के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में सूचीबद्ध है. इंगलैंड के लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में 3 दिसंबर को एक कार्यक्रम में लंदन के मेयर रामजी चौहान के द्वारा सम्मानित किया गया. विश्व के 23 लोगों को सकारात्मक परिवर्तन निर्माताओं की सूची में जोड़ा गया है. रवि रंजन स्टॉक मार्केट में लोगों को सुरक्षित ट्रेडिंग करने की शिक्षा देते हैं.
"सकारात्मक सोच पूरी मेहनत अगर मेहनत की जाए तो जीवन सफलता अवश्य मिलेगी. लक्ष्य की प्राप्ति तो होगी. जीवन में बड़ा इतिहास लिखा जा सकता है. जमुई जिले में प्रतिभा की कमी नहीं कड़ी मेहनत करें लक्ष्य निर्धारित करें अपनी प्रतिभा को निखारें आगे बढ़े कमियों को अड़चनो को बाधा न बनने दें. मेहनत करें सफलता आपके कदम चूमेगी."- डॉ रवि रंजन, स्टॉक मार्केट के जानकार
पहले भी लंदन में किया गया सम्मानितः डॉ रविरंजन कुमार आज कुछ देर के लिए अपने धर नौनी गांव पहुंचे. माता पिता परिवार गांव वालों से मिले. जमुई जिले के एक छोटे से गांव नोनी गांव से निकले होनहार लड़के रौशन कुमार उर्फ डॉ रविरंजन कुमार को पूर्व में भी लंदन में सम्मानित किया गया था. रौशन को लगातार मिल रही उपलब्धि पर परिवार के साथ-साथ ग्रामीण और जिलेवासी गर्व महसूस कर रहे हैं. यूएसए के केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाले रौशन उर्फ डॉ रविरंजन कुमार की मां आगंनबाडी सेविका, पिता किसान और दादा मुखिया रह चुके हैं.
प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुईः जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर अलीगंज इस्लामनगर प्रखंड के नौनी गांव का रौशन 10 वीं तक की पढ़ाई गांव में ही रहकर सरकारी स्कूल से पूरी की. स्कॉलरशिप लेकर यूएसए चले गये. शुरू से ही गांव वाले रौशन की प्रतिभा की सराहना कर रहे थे. रौशन के मां पिताजी से बोलते थे लड़के को बाहर भेजो, आज वही लड़का रौशन उर्फ डॉ रविरंजन अपने नाम के अनुरूप अपने परिवार गांववालों जिले का प्रदेश का अपने देश का नाम विदेश में रौशन कर रहा है.
युवाओं को सम्मानित किया जाना चाहिएः रवि रंजन की मां विद्या देवी कहती हैं कि अपने देश में भी युवाओं को सम्मानित किया जाना चाहिए. अन्य युवाओं को भी सीख मिलेगी. यहां के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं बस प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है. रवि रंजन के पिता श्रवण कुमार कहते है कि बेटे की कामयाबी पर पूरा गांव खुश है. जैसे ही विदेश से बेटे की तस्वीर मोबाइल पर आई तब से बड़े बुजुर्ग ग्रामीण लगातार मिलने पहुंच रहे हैं. बेटे को आशीर्वाद दे रहे हैं.
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