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जमुई: चैती दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्याल - Devotees in the temple

जमुई के चैती दुर्गा मंदिर के पट खुलने के बाद श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए दर्शन किए. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए मंदिर में श्रद्धालु कम दिखे.

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Published : Apr 19, 2021, 5:13 PM IST

जमुई: चैत नवरात्र के 7वें दिन शहर के पुराने बाजार स्थित चैती दुर्गा मंदिर में स्थापित की गई. माता दुर्गा की प्रतिमा का पट सोमवार को खोल दिया गया, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए मंदिर में श्रद्धालु कम दिखे.

ये भी पढ़ें- सप्तमी पूजा पर की गई बेल तोड़ने की रस्म अदायगी, दर्शन के लिए खोला जाएगा मां का पट

मां दुर्गा की आराधना
जहां मेला और पूजा के कारण हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती थी. वहां इस बार मंदिर परिसर में पूजा समिति के तीन से चार सदस्य और पुजारी निष्ठा के साथ सरकारी आदेशों का पालन करते हुए बिना किसी ध्वनि विस्तारक यंत्र के माता दुर्गा के साथ देवी सरस्वती, लक्ष्मी, भगवान गणेश और कार्तिक की पूजा वैदिक मंत्रोच्चारण से करते नजर आए.

कोविड नियमों की पालन
सोमवार को पट खुलते ही मंदिर परिसर में इक्का-दुक्का श्रद्धालु नजर आ रहे थे, तो उन्हें पूजा समिति के द्वारा लगातार सोशल डिस्टेंस बनाकर रखने के लिये कहा जा रहा था. इस दौरान पूजा समिति की ओर से लगातार लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिये भी कहा जा रहा था. बता दें कि बीते वर्ष लाॅकडाउन के कारण मंदिर में प्रतिमा नहीं बिठाई गयी थी, वहीं इस बार प्रतिमा स्थापित की गयी है.

ये भी पढ़ें- नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा, रातरानी का पुष्प करें अर्पित

कोरोना के नाश की कामना
दूसरी ओर कोरोना वायरस की दूसरी लहर काफी तेजी से बढ़ने के कारण कई लोगों ने घरों में सजे माता के दरबार में ही पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ माता दुर्गा की पूजा अर्चना करते हुए, सुखमय जीवन के साथ कोरोना के नाश की कामना की.

जमुई: चैत नवरात्र के 7वें दिन शहर के पुराने बाजार स्थित चैती दुर्गा मंदिर में स्थापित की गई. माता दुर्गा की प्रतिमा का पट सोमवार को खोल दिया गया, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए मंदिर में श्रद्धालु कम दिखे.

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मां दुर्गा की आराधना
जहां मेला और पूजा के कारण हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती थी. वहां इस बार मंदिर परिसर में पूजा समिति के तीन से चार सदस्य और पुजारी निष्ठा के साथ सरकारी आदेशों का पालन करते हुए बिना किसी ध्वनि विस्तारक यंत्र के माता दुर्गा के साथ देवी सरस्वती, लक्ष्मी, भगवान गणेश और कार्तिक की पूजा वैदिक मंत्रोच्चारण से करते नजर आए.

कोविड नियमों की पालन
सोमवार को पट खुलते ही मंदिर परिसर में इक्का-दुक्का श्रद्धालु नजर आ रहे थे, तो उन्हें पूजा समिति के द्वारा लगातार सोशल डिस्टेंस बनाकर रखने के लिये कहा जा रहा था. इस दौरान पूजा समिति की ओर से लगातार लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिये भी कहा जा रहा था. बता दें कि बीते वर्ष लाॅकडाउन के कारण मंदिर में प्रतिमा नहीं बिठाई गयी थी, वहीं इस बार प्रतिमा स्थापित की गयी है.

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कोरोना के नाश की कामना
दूसरी ओर कोरोना वायरस की दूसरी लहर काफी तेजी से बढ़ने के कारण कई लोगों ने घरों में सजे माता के दरबार में ही पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ माता दुर्गा की पूजा अर्चना करते हुए, सुखमय जीवन के साथ कोरोना के नाश की कामना की.

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