जमुई: कार्यपालक सहायक में नियुक्ति को लेकर जिले के युवक-युवतियों ने डीएम कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. मेधा सूची में नाम आने के बावजूद दो वर्षों से कार्यपालक सहायक के अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया. इसको लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन जारी रहा. इस दौरान अभ्यर्थियों ने पदाधिकारियों पर धरना समाप्त करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है.
बता दें कि बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के तहत वर्ष 2018 में कार्यपालक सहायक की नियुक्ति के लिए परीक्षा और टाइपिंग टेस्ट लिया गया था. फाइनल लिस्ट में 494 लोगों का नाम था.लेकिन 150 लोगों की ही नियुक्ति की गई. बाकी लोगों की नियुक्ति के लिए अब तक दूसरा लिस्ट नहीं निकाला गया है. लिस्ट में शेष बचे अभ्यर्थियों ने नियुक्ति के लिए डीएम से अनुरोध किया था. लेकिन डीएम ने कहा कि हमारे पास कोई रिक्ति नहीं है. वहीं बिहार के दूसरे जिलों में द्वितीय और तृतीय लिस्ट तक की नियुक्ति हो चुकी है. जिसमें मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, मोतिहारी, किशनगंज, बिहार सरीफ जैसे जिले शामिल हैं.
डीएम पर धमकी देने का आरोप
धरना पर बैठे लोगों के अनुसार डीएम धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि दूसरे जिले में क्या हो रहा है इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है. साथ ही उन्हें जल्द से जल्द धरना समाप्त कर अपने घर चले जाने को कहा है अन्यथा प्राथमिकी दर्ज कर सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वही कार्यपालक सहायक अभ्यर्थियों ने बताया की डीएम ने धमकी दी है कि प्राथमिकी दर्ज हो जाने के बाद हमारा करैक्टर सर्टिफिकेट भी नहीं बनाया जाएगा.