जमुई: कोरोना महामारी को लेकर गृह मंत्रालय भारत सरकार और गृह विभाग बिहार सरकार की ओर से सभी मंदिरों को 4 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है. फिर भी जिले में जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. सावन की पहली सोमवारी को खैरा स्थित गिद्धेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई.
बताया जाता है कि मंदिर के मेन गेट को रविवार की शाम ही बंद कर दिया गया था. लेकिन मंदिर जाने के छोटे-छोटे गेट खुले रह गए. जिससे श्रद्धालु मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंच गए. इतना ही नहीं कई श्रद्धालु मंदिर परिसर के बाउंड्री वाल को फांद कर मंदिर में प्रवेश कर गए. वहीं, मंदिर व्यवस्थापक ने किसी को भी भीड़ इकट्ठा करने से मना नहीं किया.
श्रद्धालुओं को खदेड़कर हटाया गया
गिद्धेश्वर नाथ मंदिर में उमड़ी लोगों की भीड़ की सूचना जब जिला प्रशासन को मिली तो प्रखंड विकास पदाधिकारी अतुल्य कुमार आर्य, थानाध्यक्ष सीपी यादव और मनरेगा पदाधिकारी अजय कुमार दल बल के साथ मंदिर परिसर पहुंचे. जिला प्रशासन की ओर से लाउडस्पीकर से अनाउंस कर मंदिर परिसर को खाली करने के लिए कहा गया. लेकिन श्रद्धालु जब बात नहीं माने तो उन्हें खदेड़ कर हटाया गया.
तैनाती के बाद भी मौके से गायब रहे पदाधिकारी
बताया जा रहा है कि डीएम की ओर से जारी निर्देश पर रविवार की रात को ही मंदिर परिसर में दंडाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी अजय कुमार, वरीय प्रभार दंडाधिकारी बीडियो अतुल्य कुमार आर्य और पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गई थी. इनकी तैनाती सुबह 5 बजे से दिन के 11 बजे तक की गई थी, लेकिन इस दौरान कोई भी पदाधिकारी या पुलिस मौके पर मौजूद नहीं दिखे. वहीं, मंदिर के व्यवस्थापक की ओर से काफी लापरवाही बरती गई.