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Jamui News: लाखों की लागत से बना यात्री शेड जर्जर, यात्रियों को नहीं मिल पा रही सुविधा

जमुई में 25 लाख रुपये की लागत से अलग-अलग क्षेत्रों में पांच यात्री शेड का निर्माण (Construction of Passenger Shed) कराया गया था. यात्री शेड का निर्माण लोगों की सुविधा के लिए हुआ था, लेकिन अब ये यात्री शेड किसी काम का नहीं रह गया है, शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ कागजों में खानापूर्ति की जा रही है. पढ़िए पूरी ख़बर...

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Published : Nov 26, 2021, 3:07 PM IST

यात्री शेड 2
यात्री शेड 2

जमुई: बिहार के जमुई में 5 यात्री शेड जर्जर (Bad Condition of Passenger Shed) हैं. लेकिन अब उन शेडों की हालत जर्जर हो चुकी है. शहर में 25 लाख की लागत से पांच शेड का निर्माण हुआ था, जो अब किसी काम का नहीं रह गया है. यात्री शेड की जर्जर हालत से यात्रियों (Passenger) को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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नगर परिषद क्षेत्र सुंदर हो दावा तो बहुत किया जाता है, योजनाएं भी बनती हैं लेकिन जमीनी हकीकत बनने से पहले ही वो योजनाएं दम तोड़ देती हैं. ऐसी ही योजना को 2014 में पटल पर लाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन क्रियान्वयन में बरती गई लापरवाही के कारण आज तक योजना को पूरा नहीं किया जा सका है. जिन शेड को लोगों को छांव देने के लिए बनाने का काम शुरू हुआ था वही शेड अब जिलेवासियों के दिल को चोट कर रही है.

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गौरतलब है कि वर्ष 2014 में नगर परिषद क्षेत्र के पांच अलग-अलग जगहों पर 25 लाख रुपये की लागत से शेड बनाने का काम शुरू हुआ था. जानकारी के अनुसार नगर परिषद सालाना सैरात बंदोबस्ती के अंतर्गत स्टैंड के नाम पर एक करोड़ चौवन लाख, जबकि नगर विकास विभाग की ओर से बीस करोड़ और मकान टैक्स व नक्सा से पचास लाख रुपये का आमद होता है, लेकिन शहर के रख रखाव व सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर सिर्फ कागजों पर काम किया जा रहा है.

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झाझा स्टैंड के किरानी पप्पू सिंह बताते हैं कि लगभग एक करोड़ रुपये देकर स्टैंड लिया हूं, लेकिन यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. जहां तक यात्री शेड की बात करें तो शेड खड़ा है लेकिन छत नहीं है. शेड चारों तरफ से खुला है, बारिश के दिनों में ये किसी काम का नहीं है. वहीं पूर्व वार्ड पार्षद प्रदीप चंद्रवंशी बताते हैं कि पूरे शहर में 25 लाख की लागत से कुल पांच यात्री शेड बनाये गए थे, लेकिन जिस उद्देश्य से बनाया गया था आज की तारीख में उस उद्देश्य से कोसों दूर है. नगर परिषद के सिटी मैनेजर मो. एहतेशाम हुसैन ने बताया कि पांच यात्री शेड बनाये गए थे जिसकी हालत ठीक नहीं है. नगर परिषद बोर्ड के सशक्त समिति में इसे ले लिया गया है, जल्द ही इसके मरम्मती का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें-बड़ी खबर: मंत्री जनक राम के OSD समेत 3 लोगों के ठिकानों पर विजिलेंस का छापा

नोट: ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

जमुई: बिहार के जमुई में 5 यात्री शेड जर्जर (Bad Condition of Passenger Shed) हैं. लेकिन अब उन शेडों की हालत जर्जर हो चुकी है. शहर में 25 लाख की लागत से पांच शेड का निर्माण हुआ था, जो अब किसी काम का नहीं रह गया है. यात्री शेड की जर्जर हालत से यात्रियों (Passenger) को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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नगर परिषद क्षेत्र सुंदर हो दावा तो बहुत किया जाता है, योजनाएं भी बनती हैं लेकिन जमीनी हकीकत बनने से पहले ही वो योजनाएं दम तोड़ देती हैं. ऐसी ही योजना को 2014 में पटल पर लाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन क्रियान्वयन में बरती गई लापरवाही के कारण आज तक योजना को पूरा नहीं किया जा सका है. जिन शेड को लोगों को छांव देने के लिए बनाने का काम शुरू हुआ था वही शेड अब जिलेवासियों के दिल को चोट कर रही है.

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