जमुईः एक तरफ जहां देश में चुनावी पारा गरम है, वहीं देश भर में चौकीदार को लेकर सियासी उठापटक जारी है. चौकीदार को भुनाने में सत्ता पक्ष जहां पीछे नहीं है, वहीं विपक्ष भी चौकीदार के नाम पर प्रधानमंत्री को घेरते हुए नजर आ रहे है. लेकिन जो इस बीच सबसे बड़ी बात है कि आखिर जिस चौकीदार पर राजनीति हो रही है उस चौकीदार की हालत क्या है. पेश है एक रिपोर्ट
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आप को देश का चौकीदार बताकर सियासी लाभ उठाना चाहते हैं, वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर गंभीर आरोप लगा दिया और कह दिया कि चौकीदार चोर है. राफेल डील के बाद सार्वजनिक रूप से घिर रही केंद्र सरकार ने कांग्रेस के इस आरोप को अपना हथियार बना लिया और कह डाला कि हां मैं चौकीदार हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल के नाम के आगे चौकीदार लगाया जिसके बाद चौकीदारों की फौज खड़ी हो गई.
इन चौकीदारों की परेशानी सुनो सरकार
हालांकि की हकीकत में जो चौकीदार हैं उनकी स्थिति बद से बदतर है. जबकि चौकीदार के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकने में ना तो विपक्षी दल और ना ही सत्ता का सुख भोग रहे केंद्र सरकार पीछे है. चौकीदारी की नौकरी कर रहे चौकिदारों का कहना है कि 12 घंटे ड्यूटी ली जाती है. जबकि पेमेंट कम से कम दिया जाता है.
हालांकि चौकीदारी पैसे को लेकर कुछ लोग खुश तो हैं. लेकिन कुछ लोग नाराज भी देख रहे हैं. वहीं जब उनसे बात की गई कि चौकीदार के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही है ,सियासी माइलेज उठाया जा रहा है, तो उनका साफ साफ कहना है कि चौकीदार पर राजनीति करना गलत है यह नहीं होना चाहिए.
इस बार चुनाव में चौकीदार हावी
गली-गली में शोर है, इस चुनाव में बस एक ही शब्द पर जोर है. वह और कोई नहीं बल्कि "चौकीदार" है. चौकीदार के नाम पर पूरे देश में शोर मचा हुआ है, पूरे देश में चौकीदार चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री अपने नाम के आगे चौकीदार लगा रहे हैं, जबकि विपक्ष चौकीदार नरेंद्र मोदी को चोर बता रहे हैं, बताते चलें कि चौकीदार जिनकी तादात देशभर में 90 लाख से ज्यादा हैं. वह चौकीदार आज सियासी चकल्लस में चर्चा का विषय बने हुए हैं.