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जमुई की बेटी ने किया कमाल, माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर लहराया तिरंगा

जमुई की अनिशा दुबे (Anisha Dubey of Jamui)ने बिहार का नाम रौशन किया है. जमुई टाउन थाना क्षेत्र के बिहारी मोहल्ला की रहने वाली अनिशा दूबे ने हिमाचल के 18 हजार फीट पर तिरंगा लहराया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 9, 2022, 4:50 PM IST

हिमालय पर तिरंगा
हिमालय पर तिरंगा

जमुई: बिहार के जमुई की बेटी अनिशा ने हिमाचल के 18 हजार फीट पर तिरंगा (Anisha Dubey hoisted tricolor at Himachal) लहराया है. यह कमाल करने के बाद अब उसका अगला टारगेट अफ्रीका का माउंट किलिमंजारो है जहां वो भारत का तिरंगा 19 हजार फीट पर लहराएंगी. जमुई टाउन थाना क्षेत्र के बिहारी मोहल्ला की रहने वाली अनिशा दूबे ने 22 वर्ष की उम्र में हिमालय के 18 हजार की उंचाई पर चढ़ाई कर तिरंगा लहराया है. इसके साथ ही उसने दिखा दिया कि आर्थिक विपन्नता और सीमित साधन भी सपनों का पंख नहीं कुतर सकते. कठिन से कठिन चुनौती दृढ़ संकल्प और जज्बे के सामने घुटने टेक देती है.

ये भी पढ़ें-जमुई की बेटी अनीशा माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने के लिए रवाना, टीम में MP और छत्तीसगढ़ के पर्वतारोही भी शामिल




"28 सितंबर को सुबह 10 बजे माउंट एवरेस्ट के 18 हजार फीट ऊंचाई पर बेसिक कैंप पर अपना तिरंगा लहराया और राष्ट्रीय गान गाकर अपना मिशन फतह किया. बचपन में देखा सपना पूरा हुआ, इस टीम में मेरे साथ नालंदा जिला से गोपाल कुमार और प्रिया रानी, मध्य प्रदेश से अंजना यादव और अमित विश्वकर्मा सहित कुल पांच पर्वतारोही शामिल थे." -अनिशा दूबे, पर्वतारोही


सुबह पांच से रात 10 बजे तक करते थे चढ़ाई: अनिशा ने बताया कि दस दिनों के ट्रैकिंग के दौरान हर दिन हम लोग सुबह पांच बजे ट्रैकिंग शुरू करते थे और रात के दस बजे तक चढ़ाई करते थे. चढ़ाई करने के दौरान बहुत से मुसीबतों का सामना करना पड़ा. मौसम भी काफी खराब था, पास में सीमित खाद्य सामग्री होने के कारण अल्पाहार कर आगे बढ़ते रहे. कई जगहों पर हम लोग भूखे-प्यासे चढ़ाई करते रहे. हमारे साथ ऑक्सीजन की भी समस्या रही, फिर भी हम लोग बिना रुके आगे बढ़ते रहे, हम लोग 13 से 15 दिनों में फतह कर के नीचे आ गए.


अगला टारगेट अफ्रीका का माउंटेन किलिमंजारो: अनीशा दुबे ने बताया कि हमारी टीम का अगला टारगेट माउंटेन किलिमंजारो है जो अफ्रीका में है. इसकी ऊंचाई लगभग 19 हजार फीट है, इसके लिए हमें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होना होगा. हमलोग माउंट किलिमंजारो पर भारत का तिरंगा लहराएंगे. अनिशा को बचपन से पर्वतारोहण की प्रेरणा अरुणिमा सिन्हा से मिली. पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा जिनका हादसे में एक पैर कट गया था, पैर न होने के बावजूद उन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह किया. बिना ट्रेनिंग लिए पर्वतारोही के सफर में पहला सफल प्रयास हिमाचल प्रदेश के माउंटेन पतालसू की लगभग 14 हजार फीट उंचाई पर चढ़ना है. 24 घंटे में हमलोगों ने चोटी पर तिरंगा लहराया है.

ये भी पढ़ें- पर्वतारोही मिताली प्रसाद ने JDU मंत्रियों से की मुलाकात, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस अगला पड़ाव

जमुई: बिहार के जमुई की बेटी अनिशा ने हिमाचल के 18 हजार फीट पर तिरंगा (Anisha Dubey hoisted tricolor at Himachal) लहराया है. यह कमाल करने के बाद अब उसका अगला टारगेट अफ्रीका का माउंट किलिमंजारो है जहां वो भारत का तिरंगा 19 हजार फीट पर लहराएंगी. जमुई टाउन थाना क्षेत्र के बिहारी मोहल्ला की रहने वाली अनिशा दूबे ने 22 वर्ष की उम्र में हिमालय के 18 हजार की उंचाई पर चढ़ाई कर तिरंगा लहराया है. इसके साथ ही उसने दिखा दिया कि आर्थिक विपन्नता और सीमित साधन भी सपनों का पंख नहीं कुतर सकते. कठिन से कठिन चुनौती दृढ़ संकल्प और जज्बे के सामने घुटने टेक देती है.

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"28 सितंबर को सुबह 10 बजे माउंट एवरेस्ट के 18 हजार फीट ऊंचाई पर बेसिक कैंप पर अपना तिरंगा लहराया और राष्ट्रीय गान गाकर अपना मिशन फतह किया. बचपन में देखा सपना पूरा हुआ, इस टीम में मेरे साथ नालंदा जिला से गोपाल कुमार और प्रिया रानी, मध्य प्रदेश से अंजना यादव और अमित विश्वकर्मा सहित कुल पांच पर्वतारोही शामिल थे." -अनिशा दूबे, पर्वतारोही


सुबह पांच से रात 10 बजे तक करते थे चढ़ाई: अनिशा ने बताया कि दस दिनों के ट्रैकिंग के दौरान हर दिन हम लोग सुबह पांच बजे ट्रैकिंग शुरू करते थे और रात के दस बजे तक चढ़ाई करते थे. चढ़ाई करने के दौरान बहुत से मुसीबतों का सामना करना पड़ा. मौसम भी काफी खराब था, पास में सीमित खाद्य सामग्री होने के कारण अल्पाहार कर आगे बढ़ते रहे. कई जगहों पर हम लोग भूखे-प्यासे चढ़ाई करते रहे. हमारे साथ ऑक्सीजन की भी समस्या रही, फिर भी हम लोग बिना रुके आगे बढ़ते रहे, हम लोग 13 से 15 दिनों में फतह कर के नीचे आ गए.


अगला टारगेट अफ्रीका का माउंटेन किलिमंजारो: अनीशा दुबे ने बताया कि हमारी टीम का अगला टारगेट माउंटेन किलिमंजारो है जो अफ्रीका में है. इसकी ऊंचाई लगभग 19 हजार फीट है, इसके लिए हमें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होना होगा. हमलोग माउंट किलिमंजारो पर भारत का तिरंगा लहराएंगे. अनिशा को बचपन से पर्वतारोहण की प्रेरणा अरुणिमा सिन्हा से मिली. पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा जिनका हादसे में एक पैर कट गया था, पैर न होने के बावजूद उन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह किया. बिना ट्रेनिंग लिए पर्वतारोही के सफर में पहला सफल प्रयास हिमाचल प्रदेश के माउंटेन पतालसू की लगभग 14 हजार फीट उंचाई पर चढ़ना है. 24 घंटे में हमलोगों ने चोटी पर तिरंगा लहराया है.

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