जमुई: बिहार ( Bihar ) में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच कर रहे निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जमुई ( Jamui ) जिले के सोनो प्रखंड के विद्यालय में कार्यरत चार फर्जी शिक्षकों के खिलाफ सोनो थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है.
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निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के पुलिस अवर निरीक्षक प्रमोद कुमार की ओर से प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर आरोपित शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. विभाग की ओर से जांच के दौरान उक्त सभी शिक्षकों के इंटरमीडिएट के अंकपत्र फर्जी पाए गए.
जांच में यह भी पाया गया है कि इन शिक्षकों ने फर्जीवाड़ा कर झारखंड के झारखंड अधिविद्य परिषद रांची से इंटरमीडिएट का अंकपत्र प्राप्त किया है जबकि जांच में झारखंड अधिविध परिषद से इन शिक्षकों के प्रमाण पत्र के निर्गत नहीं होने की बात बताई गई है. इन शिक्षकों के इंटरमीडिएट के अंकपत्र को पूरी तरह से फर्जी बताया गया है.
पुलिस अवर निरीक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि रिंकू कुमारी का नियोजन बाबुडीह पंचायत नियोजन इकाई अंतर्गत वर्ष 2010 में इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र पर हुआ था. इनका प्रमाण पत्र 2007 में झारखंड अधिविध परिषद रांची से निर्गत बताया गया है जबकि जांच के क्रम में परिषद से उक्त प्रमाण पत्र के निर्गत नहीं होने की बात सामने आई है.
उसी तरह श्वेता कुमारी का नियोजन वर्ष 2006 में महेश्वरी पंचायत नियोजन इकाई अंतर्गत हुआ था. निगरानी को जांच के लिए सुपुर्द किये गए प्रमाण पत्र में इन्होंने 2004 में इंटरमीडिएट की परीक्षा झारखंड अधिविध परिषद से पास की है जबकि इनका प्रमाण पत्र परिषद द्वारा निर्गत नहीं किया गया है. श्वेता कुमारी का नियोजन भी इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र पर ही हुआ है.
इसी तरह महेश दास का नियोजन 2010 में छुछुनरिया पंचायत नियोजन इकाई की ओर से इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र पर हुआ था. उन्होंने 2001 में इंटरमीडिएट की परीक्षा झारखंड अधिविध परिषद से पास की है जबकि जांच के दौरान प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया.
निगरानी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिन शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें रिंकी कुमारी, नवीन प्राथमिक विद्यालय नीमडीह. श्वेता कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय गंदर. महेश दास, नवीन प्राथमिक विद्यालय छाताकरम. शशिभूषण कुमार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मांगेचपरी शामिल हैं. ये सभी शिक्षक वर्ष 2005, 2006 और 2010 में ज्वाईन किए थे. गौरतलब है कि निगरानी विभाग ने फर्जी शिक्षकों के खिलाफ नकेल कसना शुरू कर दिया है. विभाग की ओर से लगातार जांच की जा रही है.
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