जमुई: शहर के कचहरी चौक पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बिहार सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ ढोल-नगाड़ों के साथ प्रदर्शन किया. कार्यक्रम का नेतृत्व एबीवीपी के संयोजक सह मंत्री सत्यम सिंह और करण साह ने किया. वहीं बिहार सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए संगठन के विभाग संयोजक शैलेश भारद्वाज ने ढोल बजाकर मौजूद कार्यकर्ताओं को सरकार की छात्र विरोधी गतिविधियों से अवगत कराया.
सरकार को छात्रों की चिंता नहीं
वहीं, कुमार सानू ने बताया कि बिहार सरकार की नीतियों के विरोध में 23 मई से परिषद का चरणबद्ध आंदोलन चलता रहा है. अभी हम लोगों को सरकार के बंद पड़े कानों में निष्पक्षता की आवाज पहुंचानी है. ताकि वह छात्र युवाओं के हित में निर्णय ले सके. कोरोना महामारी का बहाना बनाकर बिहार सरकार ने चोरी-छिपे एसटीइटी की परीक्षा को रद्द कर छात्र के रोजगार से जुड़ने के विकल्प को ही बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं इस खोखली सरकार को अब बिहार के नौनिहालों और छात्रों के भविष्य की भी चिंता नहीं है.
जारी रहेगा आंदोलन
वहीं प्रदेश कार्यकारणी सदस्य कुंदन यादव ने कहा कि आज छात्रों की समस्याओं से भले सत्ताधारी सरकार और विपक्ष के नेता चुप्पी साध लें. लेकिन अभाविप के कार्यकर्ता इस महामारी के समय में भी अपने जिम्मेदारी निभाते हुए एक सजग प्रहरी का काम किया है. एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चरणबद्ध आंदोलन किया है. उन्होंने कहा कि जबतक बिहार सरकार निजी स्कूल के 3 माह का शुल्क और बिहार के युवा छात्र-छात्राओं के रूम रेंट, छात्रावास शुल्क आदि माफ नहीं करती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.