जमुई: जिले के खैरा प्रखंड के टिहिया गांव में संदिग्ध परिस्थिति में एक व्यक्ति की मौत हो गई. व्यक्ति मजदूरी कर अपना और अपने परिजनों का पेट पालता था. लेकिन पिछले 2 महीने से लगे लॉकडाउन के कारण उनके सामने खाने-पीने की समस्या पैदा होने लगी थी. कई दिनों से उनके घर में खाना भी नहीं बना था.
बताया जाता है कि कागेश्वर पंचायत के टिहिया महादलित टोला निवासी रामखेलावन मांझी का 38 वर्षीय पुत्र गुल्लू मांझी दिहाड़ी मजदूरी कर अपने और अपने परिवार का पालन पोषण करता था. लॉकडाउन के कारण ढाई महीने से गुल्लू के घर कभी चूल्हा जलता था, तो कभी पूरा परिवार बिना खाए सो जाता था. परिजनों ने बताया कि परिवार में सिर्फ एक ही व्यक्ति कमाने वाला था. मृतक अपने पीछे पत्नी के अलावा 4 बेटियां व एक बेटा छोड़ गया.
भुखमरी की कगार पर था परिवार
बताया जा रहा है कि खाने की कमी के कारण व्यक्ति अपने बच्चों को खाना खिलाता था और खुद भूखे सो जाता था. मृतक की भाभी चंकी देवी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण ढाई महीने से उसे कोई काम भी नहीं मिला था. उसके पास राशन कार्ड नहीं होने के कारण सरकार की तरफ से दिया रहा राशन भी उसे नहीं मिल पाता था. इस वजह से उसका पूरा परिवार भुखमरी की कगार पर आ चुका था.
परिवार को सरकारी सहायता
जानकारी मिलते ही खैरा प्रखंड विकास पदाधिकारी अतुल्य आर्य ने कांगेश्वर पंचायत के महिला मुखिया अन्नू कुमारी के पति जयरथ कुमार को मृतक के घर भेजकर उसे कबीर अत्येष्टि के तहत ₹3000 की राशि दी, जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, बीडीओ ने मृतक के परिजनों को बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना परिवारिक लाभ के साथ-साथ अन्य योजना का लाभ दिलाने और राशन कार्ड बनवाने का भी भरोसा दिलाया है.