गोपालगंज: शहर के अंबेडकर चौक पर युवा राजद के नेताओं ने जातीय गणना की मांग, नई शिक्षा नीति एवं महंगाई को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान धरना में शामिल नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए विरोध किया. साथ ही धरना के बाद युवा राजद के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा.
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गोपालगंज में युवा राजद का धरना प्रदर्शन: दरअसल पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत युवा राजद के दर्जनों कार्यकर्ता ने शहर के अंबेडकर चौक पर पहुंचकर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना देते हुए अपनी मांगे रखीं. इस दौरान नेताओ ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए. युवा राजद जिलाध्यक्ष संतोष यादव ने बताया कि सूबे के सभी जिलों में सोमवार को सम्पूर्ण क्रांति दिवस मनाया गया.
"केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. धरना के बाद डीएम को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें केंद्र सरकार के नई शिक्षा नीति व बढ़ती महंगाई को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं जातिगत जनगणना कराने की मांग का ज्ञापन भी डीएम को सौंपा गया है. इस धरना प्रदर्शन में जिले के सभी राजद नेता शामिल हैं."-संतोष यादव,जिलाध्यक्ष,युवा राजद
'खत्म किया जाए जातिवादी भेदभाव': साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माताओं ने एक आधुनिक भारत की कल्पना की थी पर यह तभी सम्भव है जब हजारों वर्षों से चले आ रहे जातिवादी भेदभाव को खत्म किया जाए. सूचना क्रांति के युग में जनसंख्या का डॉक्यूमेंटेशन और कैटिगराइजेशन अत्यंत जरूरी है, तभी आधुनिक समाज को तीव्र गति से विकसित किया जा सकता है.
"जाति एक महत्वपूर्ण कारक है जो मनुष्य को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर पहचान देता है. इसी कारणवश जातिगत आंकड़े को जारी नहीं किया जा रहा है ताकि सामंतवादी वर्चस्व बना रहे. पिछले नब्बे वर्षों से जाति जनगणना नहीं की गई है."-संतोष यादव,जिलाध्यक्ष,युवा राजद
राजद युवा के नेताओं ने कहा कि पिछली बार 2011 में जनगणना की भी गयी तो जनता से उसके आंकड़े छिपाए गए. जातीय गणना की मांग को लेकर लालू प्रसाद यादव लगातार अपनी आवाज उठाते रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा की नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में कायाकल्प करने की सरकार की योजना है, ताकि भारत एक आत्मनिर्भर देश बन सके और आर्थिक शक्ति के रूप में अपनी पहचान बना सके.