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गोपालगंज सदर अस्पताल में सर्दी का सितमः शेड के नीचे प्रसूता को रहने की मजबूरी, न कंबल न ही गरम पानी की व्यवस्था

Gopalganj News इस कंपकपाती ठंड में गोपालगंज सदर अस्पताल में सुविधाओं की घोर कमी है. एक शेड के नीचे बिना कोई व्यवस्था के प्रसूता को रखा गया है. सिर्फ एक लोहा का बेड के अलावा न तो कंबल दिया गया है और न हिटर लगाया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 13, 2023, 9:34 PM IST

गोपालगंज सदर अस्पताल

गोपालगंजः बिहार में सर्दी का सितम (Cold In Bihar) कम नहीं हो रहा है. घर से लेकर अस्पताल तक लोगों को परेशानी हो रही है. इस ठंड में अस्पताल में मरीजों को उचित सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. मामला जिले के सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड का है. एसएनसीयू भर्ती नवजात की माताएं टेंट में रहने को मजबूर हैं. जिससे सर्द हवा का प्रकोप झेलने में काफी परेशानी हो रही है. इन माताओं को अस्पताल प्रशासन द्वारा न कम्बल दी जाती है और न ही गर्म पानी. सुविधा के नाम पर सिर्फ एक लोहे का बेड मुहैया कराई गई है.

यह भी पढ़ेंः Cold Wave In Bihar: भीषण ठंड और भारी कोहरे की चपेट में प्रदेश, ठंड से निजात के आसार नहीं

मताओं को टेंट के नीचे रहने की मजबूरीः एसएनसीयू में भर्ती नवजात की मताओं को टेंट के नीचे रहने की मजबूरी है. इस ठिठुरती ठंड में प्रसूता टेंट में अपने नवजात के स्वस्थ होने के इंतजार में दिन-रात काट रही है. बता दें कि सदर अस्पताल परिसर में 16 बेड का एसएनसीयू उपलब्ध है. जहां वायरल निमोनिया, हाईपोथर्मिया, लो वर्थ वेट, प्री मेच्यूटी एक्स्पेसिया के नवजात मरीज को इलाज के लिए भर्ती किया जाता है. एसएनसीयू के बगल में ही माताओं के रहने के लिए टेंट युक्त वार्ड बनाया गया है.

ठिठुरती ठंड में रहने को विवशः शिशु के जन्म के उपरांत जब नवजात में कोई समस्या आती है तो उसे एसएनसीयू में एडमिट किया जाता है. जबकि प्रसूति मां को बगल के शेड में रखने की व्यवस्था है. जिसमे वे इस ठिठुरती ठंड में रहने को विवश है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें कम्बल तक नहीं दिया गया है. गर्म पानी व हीटर की बात तो दूर है. बता दें कि इस कड़ाके के ठंड में एसएनसीयू में 14 नवजात अभी भी भर्ती है. जिसमें हाइपोथर्मिया के 2, वर्थ एक्सपेसिया के 6, प्री मेच्यूटी के 6 नवजात इलाजरत हैं. सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा नवजात की माताओं के रहने के लिए कोई समुचित व्यवस्था तक नहीं की गयी है.

घर से मंगवा रहे कंबलः परसौनी निवासी निशा देवी ने बताया कि खुले में एक शेड के नीचे व्यवस्था है. चारो तरफ से प्लास्टिक से घेर दिया गया है. जिससे इस ठंड में ठिठुरना पड़ रहा है. बगल में रहना मजबूरी है क्योंकि समय-समय पर बच्चे को स्तनपान कराना पड़ता है. वहीं नरकटिया बाजार निवासी प्रसूति रेणु देवी ने बताया कि दो दिनों से बच्चा वर्थ एक्सपेसिया के कारण भर्ती है. हमलोग इसी टेंट में बैठकर ठंड से लड़ रहे है. जबकि उत्तर प्रदेश के सलेमगढ़ से आई प्रसूति रंजू देवी के परिजनों ने बताया कि इस ठंड में घर से कम्बल मंगाया गया है. प्रसूता को काफी परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है.

"एसएनसीयू में भर्ती नवजात शिशुओं की मां को पास रखना जरूरी है. लेकिन पास में कोई भवन उपलब्ध नहीं होने के कारण शेड के नीचे व्यवस्था की गयी है. बाहर से प्लास्टिक के त्रिपाल से ढक दिया गया है. कम्बल आदि उपलब्ध कराया गया है." - सिद्धार्थ कुमार, हेल्थ मैनेजर, सदर अस्पताल

गोपालगंज सदर अस्पताल

गोपालगंजः बिहार में सर्दी का सितम (Cold In Bihar) कम नहीं हो रहा है. घर से लेकर अस्पताल तक लोगों को परेशानी हो रही है. इस ठंड में अस्पताल में मरीजों को उचित सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. मामला जिले के सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड का है. एसएनसीयू भर्ती नवजात की माताएं टेंट में रहने को मजबूर हैं. जिससे सर्द हवा का प्रकोप झेलने में काफी परेशानी हो रही है. इन माताओं को अस्पताल प्रशासन द्वारा न कम्बल दी जाती है और न ही गर्म पानी. सुविधा के नाम पर सिर्फ एक लोहे का बेड मुहैया कराई गई है.

यह भी पढ़ेंः Cold Wave In Bihar: भीषण ठंड और भारी कोहरे की चपेट में प्रदेश, ठंड से निजात के आसार नहीं

मताओं को टेंट के नीचे रहने की मजबूरीः एसएनसीयू में भर्ती नवजात की मताओं को टेंट के नीचे रहने की मजबूरी है. इस ठिठुरती ठंड में प्रसूता टेंट में अपने नवजात के स्वस्थ होने के इंतजार में दिन-रात काट रही है. बता दें कि सदर अस्पताल परिसर में 16 बेड का एसएनसीयू उपलब्ध है. जहां वायरल निमोनिया, हाईपोथर्मिया, लो वर्थ वेट, प्री मेच्यूटी एक्स्पेसिया के नवजात मरीज को इलाज के लिए भर्ती किया जाता है. एसएनसीयू के बगल में ही माताओं के रहने के लिए टेंट युक्त वार्ड बनाया गया है.

ठिठुरती ठंड में रहने को विवशः शिशु के जन्म के उपरांत जब नवजात में कोई समस्या आती है तो उसे एसएनसीयू में एडमिट किया जाता है. जबकि प्रसूति मां को बगल के शेड में रखने की व्यवस्था है. जिसमे वे इस ठिठुरती ठंड में रहने को विवश है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें कम्बल तक नहीं दिया गया है. गर्म पानी व हीटर की बात तो दूर है. बता दें कि इस कड़ाके के ठंड में एसएनसीयू में 14 नवजात अभी भी भर्ती है. जिसमें हाइपोथर्मिया के 2, वर्थ एक्सपेसिया के 6, प्री मेच्यूटी के 6 नवजात इलाजरत हैं. सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा नवजात की माताओं के रहने के लिए कोई समुचित व्यवस्था तक नहीं की गयी है.

घर से मंगवा रहे कंबलः परसौनी निवासी निशा देवी ने बताया कि खुले में एक शेड के नीचे व्यवस्था है. चारो तरफ से प्लास्टिक से घेर दिया गया है. जिससे इस ठंड में ठिठुरना पड़ रहा है. बगल में रहना मजबूरी है क्योंकि समय-समय पर बच्चे को स्तनपान कराना पड़ता है. वहीं नरकटिया बाजार निवासी प्रसूति रेणु देवी ने बताया कि दो दिनों से बच्चा वर्थ एक्सपेसिया के कारण भर्ती है. हमलोग इसी टेंट में बैठकर ठंड से लड़ रहे है. जबकि उत्तर प्रदेश के सलेमगढ़ से आई प्रसूति रंजू देवी के परिजनों ने बताया कि इस ठंड में घर से कम्बल मंगाया गया है. प्रसूता को काफी परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है.

"एसएनसीयू में भर्ती नवजात शिशुओं की मां को पास रखना जरूरी है. लेकिन पास में कोई भवन उपलब्ध नहीं होने के कारण शेड के नीचे व्यवस्था की गयी है. बाहर से प्लास्टिक के त्रिपाल से ढक दिया गया है. कम्बल आदि उपलब्ध कराया गया है." - सिद्धार्थ कुमार, हेल्थ मैनेजर, सदर अस्पताल

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