गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें ग्रामीणों द्वारा प्रचार्य और शिक्षकों को रोककर लेट से स्कूल आने का कारण पूछा जा रहा (School Teachers Reach School Late) है. इसी बीच ग्रमीणों और प्रचार्य के बीच गहमा-गहमी भी हो गई. इस पूरे घटना का वीडियो किसी ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
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शिक्षक और ग्रामीण के बीच विवाद: वायरल हो रहा वीडियो सदर प्रखंड के एकडेरवा पंचायत के मैनपुर गांव स्थित प्राथमिक मध्य विद्यालय की है. वहीं, ग्रामीणों से हुई गहमागहमी पर प्राचार्य ने 20 लाख रुपये देकर आजीवन स्कूल में बने रहने की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि एकडेरवा पंचायत के मैनपुर गांव में स्थित प्राथमिक मध्य विद्यालय के प्रधानाचार्य अवध बिहारी सिंह और कई शिक्षक कभी भी समय पर स्कूल नहीं पहुंचते हैं.
लेट से स्कूल आने पर ग्रामीणों ने की शिक्षकों की खींचाई: ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षकों के स्कूल आने का कोई समय इन लोगों के निर्धारित नहीं है. जिसके चलते ये लोग 9 बजे के जगह पर दस बजे स्कूल आते हैं. इस दौरान बच्चें स्कूल खुलने के इंतजार में सड़क किनारे खड़े रहते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे में किसी भी बच्चे के साथ सड़क हादसा की संभावना बनी रहती है. बावजूद इसके स्कूल प्रशासन के द्वारा इसपर कोई अमल नहीं किया जा रहा है.
शिक्षकों के लेट से विद्यालय पहुंचने का वीडियो वायरल: ग्रामीण जब शिक्षकों के लेट से आने का विरोध करते हैं तो प्रधानाध्यापक और शिक्षक धौंस जमाते हैं. लोगों ने बताया कि स्कूल के शिक्षक अवध बिहार सिंह के स्कूल लेट से पहुंचने के कारण बच्चों का समय स्कूल के बाहर बीतता है और जब पूछा जाता है तो वो 20 लाख देकर आजीवन इसी विद्यालय में रहने की बात करते हैं. अब ये जांच का विषय है कि इन्होंने ऐसे किसी अधिकारियों को सेट तो नहीं किया है, जो 20 लाख में इन्हें इसी विद्यालय में आजीवन बनाये रखेंगे. फिलहाल शिक्षकों और ग्रामीणों के बीच हुए गहमा-गहमी का वीडियो किसी ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
"सभी शिक्षकों को सुबह 9 बजे से 4 बजे तक विद्यालय में रहने का निर्देश दिया गया है. ऐसे जो भी ऐसे जो भी शिक्षक लेट से स्कूल पहुंचते हैं, उन्हें बीईओ के माध्यम से जांच कराई जाएगी. अगर शिक्षक नियोजित हैं, तो नियोजन इकाई को पत्र लिखा जाएगा."- राजकुमार शर्मा, जिला शिक्षा पदाधिकारी