गोपालगंज: जिले की सब्जी बाजारों में हरी सब्जी और टमाटर के दामों में हो रही वृद्धि से लोग परेशान है. सबसे ज्यादा परेशानी मध्यम वर्गीय परिवारों को उठानी पड़ रही है. दुकानदारों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दामो में हुई वृद्धि के कारण टमाटर बाहर से नहीं आ रहा है. वहीं, बारिश होने के कारण हरी सब्जी भी प्रभावित हुई है.
ट्रांसपोर्ट अधिक वसूल रहा पैसे
दरअसल, देश भर में हो रही पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के कारण इसका असर टमाटर पर भी पड़ा है, क्योंकि जिले के सब्जी मंडी में टमाटर बैंगलोर और कर्नाटक से मंगवाए जाते है. लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के कारण ट्रांसपोर्ट अधिक पैसे वसूल रहा हैं. जिससे व्यापारी टमाटर को कम मात्रा में मंगवा रहे है. लॉकडाउन के बाद से ट्रांसपोर्टिंग व्यवस्था तो पहले ही लड़खड़ा गई थी. वहीं, अनलॉक के बाद कुछ हद तक इसमें सुधार हुआ था, लेकिन पिछले कुछ सप्ताह से लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दामों के चलते परिवहन व्यवस्था लगातार लड़खड़ा रही है. जिससे माल ढुलाई के दाम भी बढ़ गए हैं.
सब्जी के दामों में लगातार हो रही वृद्धि
मानसून आने के बाद हो रही बारिश के कारण सब्जी के पैदावार पर भी इसका असर पड़ा है. सब्जी के पैदावार कम होने के कारण सब्जियां भी महंगी हो गई है. हर प्रकार की सब्जी के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है. आसमान छू रहे सब्जी के दामों ने गृहणीओं का बजट बिगाड़ कर रख दिया है. सबसे अधिक परेशानियों का सामना बजट बिगड़ने से मध्यमवर्गीय परिवारों को करना पड़ रहा है.
सब्जी और टमाटर की बढ़ी कीमतें...
सब्जी | पहले | अब |
टमाटर | 20-30 रुपये किलो | 60-80 रुपये किलो |
आलू | 12-15 रुपये किलो | 20-24 रुपये किलो |
नेनुआ | 10 रुपये किलो | 25-30 रुपये |
भिंडी | 10 रुपये किलो | 30 रुपये किलो |
कद्दू | 10-15 प्रति पीस | 20 प्रति पीस |
परवल | 15 रुपये किलो | 30-35 रूपये किलो |
सब्जियां हो रही खराब
सब्जी विक्रेताओं ने बाताया कि बारिश के मौसम के कारण सब्जी की खेती पर असर पड़ा है. सब्जियां खराब हो रही है. जिसके कारण बाजारों में सब्जी कम मात्रा में आ रही हैं. इसीलिए सब्जी के दामों में वृद्धि हुई है. वहीं, सब्जी विक्रेताओं ने टमाटर के दामों के बारे में बताया कि टमाटर बेंगलुरु और कर्नाटक आते है. लेकिन पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि होने के कारण अधिक लागत लगानी पड़ती है, जिसके कारण व्यापारी टमाटर को कम मात्रा में मंगवा रहे है और अधिक दामों पर बेच रहे है.