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केंद्र सरकार की 'प्रसाद योजना' से जुड़ेगा गोपालगंज का प्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर

गोपालगंज के सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने प्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर ( Thave Durga temple Gopalganj) को केंद्र सरकार की 'प्रसाद योजना' से जोड़ने की मांग लोकसभा में की है. सरकार की इस योजना से जुड़ने के बाद गोपालगंज में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा.

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Published : Mar 30, 2022, 3:54 PM IST

डॉ आलोक कुमार सुमन, सांसद
डॉ आलोक कुमार सुमन, सांसद

गोपालगंज: बिहार का पौराणिक स्थल प्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर को 'प्रसाद योजना' (Thave Durga Temple Connected With Prasad Yojana) से जोड़ने की कवायद केंद्र सरकार ने शुरू कर दी है. केंद्र सरकार ने गोपालगंज के सांसद सह सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन (MP Alok Kumar Suman) की मांग पर ये पहल शुरू की है, जिससे मंदिर के पुजारी सहित स्थानीय लोग काफी खुश हैं.

ये भी पढ़ेंः गोपालगंज की बेटी ने किया कमाल: सुरम्या प्रियदर्शिनी बनीं 'सी इंटरनेशनल क्वीन दुबई'

सांसद ने सोमवार को लोकसभा में थावे मंदिर का मुद्दा उठाते हुए, इस मंदिर को पर्यटन विभाग की 'प्रसाद योजना' से जोड़ने की मांग रखी थी. सांसद ने बताया कि थावे शक्ति पीठ का ऐतिहासिक महत्व है. बिहार ही नहीं देशभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यह शक्ति पीठ न सिर्फ बिहार, बल्कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रसिद्ध है. बताया जाता है कि अमूमन यहां सालों भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है, लेकिन चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाती है.

सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रसाद योजना की शुरुआत की है, जिससे राज्यों में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस योजना से जुड़ जाने के बाद थावे दुर्गा मंदिर में न केवल आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल भी मिलेगा.

ये भी पढ़ेंः गोपालगंज में कार से 3 करोड़ रुपये कैश बरामद, लखनऊ से सिलीगुड़ी ले जाए जा रहे थे पैसे

बता दें कि गोपालगंज से 6 किलोमीटर दूर स्थित थावे प्रखंड में थावेवाली का प्राचीन मंदिर है. श्रद्धालु इन्हें सिंहासिनी भवानी, थावे भवानी और रहषु भवानी के नाम से भी पुकारते हैं. थावे मंदिर के मुख्य पुजारी हरेंद्र पांडेय ने सांसद की पहल की सराहना करते हुए कहा कि थावे भवानी के भक्तों को केंद्र सरकार से काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि प्रसाद योजना से जुड़ने पर देशभर से पर्यटक आयेंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.

भारत सरकार ने पर्यटन मंत्रालय के तहत वर्ष 2014-2015 में पीआरएएसएडी (प्रसाद) योजना शुरू की थी. प्रसाद योजना का पूर्ण रूप 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान' है. यह योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए पूरे भारत में तीर्थ स्थलों को विकसित करने और पहचान करने पर केंद्रित है. सांसद ने बताया कि केंद्र सरकार के आश्वासन के मुताबिक जल्द ही इस मंदिर को इस योजना से जोड़ दिया जाएगा.

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गोपालगंज: बिहार का पौराणिक स्थल प्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर को 'प्रसाद योजना' (Thave Durga Temple Connected With Prasad Yojana) से जोड़ने की कवायद केंद्र सरकार ने शुरू कर दी है. केंद्र सरकार ने गोपालगंज के सांसद सह सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन (MP Alok Kumar Suman) की मांग पर ये पहल शुरू की है, जिससे मंदिर के पुजारी सहित स्थानीय लोग काफी खुश हैं.

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सांसद ने सोमवार को लोकसभा में थावे मंदिर का मुद्दा उठाते हुए, इस मंदिर को पर्यटन विभाग की 'प्रसाद योजना' से जोड़ने की मांग रखी थी. सांसद ने बताया कि थावे शक्ति पीठ का ऐतिहासिक महत्व है. बिहार ही नहीं देशभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यह शक्ति पीठ न सिर्फ बिहार, बल्कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रसिद्ध है. बताया जाता है कि अमूमन यहां सालों भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है, लेकिन चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाती है.

सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रसाद योजना की शुरुआत की है, जिससे राज्यों में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस योजना से जुड़ जाने के बाद थावे दुर्गा मंदिर में न केवल आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल भी मिलेगा.

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बता दें कि गोपालगंज से 6 किलोमीटर दूर स्थित थावे प्रखंड में थावेवाली का प्राचीन मंदिर है. श्रद्धालु इन्हें सिंहासिनी भवानी, थावे भवानी और रहषु भवानी के नाम से भी पुकारते हैं. थावे मंदिर के मुख्य पुजारी हरेंद्र पांडेय ने सांसद की पहल की सराहना करते हुए कहा कि थावे भवानी के भक्तों को केंद्र सरकार से काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि प्रसाद योजना से जुड़ने पर देशभर से पर्यटक आयेंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.

भारत सरकार ने पर्यटन मंत्रालय के तहत वर्ष 2014-2015 में पीआरएएसएडी (प्रसाद) योजना शुरू की थी. प्रसाद योजना का पूर्ण रूप 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान' है. यह योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए पूरे भारत में तीर्थ स्थलों को विकसित करने और पहचान करने पर केंद्रित है. सांसद ने बताया कि केंद्र सरकार के आश्वासन के मुताबिक जल्द ही इस मंदिर को इस योजना से जोड़ दिया जाएगा.

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