गोपालगंज: कोरोना के कहर से निजात दिलाने के लिए जिले के दो छात्रों ने मैन्यूअल बाथ सेनेटाइजर मशीन का निर्माण किया है. छात्रों की कार्यकुशलता को देख शहरवासी जमकर इन दोनों की तारीफ कर रहे हैं. मौके पर छात्रों ने बताया कि आगे वो ऑटोमैटिक सेनेटाइजर बॉथ मशीन के निर्माण में लगे हुए हैं.
नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने किया आर्थिक सहयोग
दरअसल, दुनिया में फैले कोरोना महामारी के कहर को देखते हुए हर कोई अपने स्तर से सामाजिक कार्यों में जुटा है. इसी क्रम में गोपालगंज जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूर हथुआ अनुमंडल के मीरगंज निवासी दो दोस्तों ने आम लोगों के लिए बॉथ सेनेटाइजर का निर्माण किया है. छात्रों की सोच को साकार करने में नगर पंचायत उपाध्यक्ष कुमार धनंजय ने आर्थिक सहयोग किया है.
'टीवी पर नेहरु खां को देख मिली प्रेरणा'
मामले में सेनेटाइजर मशीन बनाने वाले छात्र सर्वेश कुमार ने बताया कि टीवी पर मनसेर के नेहरू खां द्वारा तैयार की गई काम्प्लेक्स सेनेटाइजर को देख कर इसकी प्रेरणा मिली. इसके बाद उन्होंने दोस्त आदित्य से इस संदर्भ में चर्चा कर मशीन निर्माण में लग गए. साथ ही सर्वेश ने बताया कि नगर पंचायत उपाध्यक्ष धनंजय कुमार से मशीन निर्माण के लिए आर्थिक मदद की.
'पूरी तरह सुरक्षित है सेनेटाइजर मशीन'
वहीं, सहयोगी छात्र आदित्य ने बताया कि यह आइडिया मेरे दोस्त सर्वेश का है. मुझे भी वर्तमान समय में इसकी आवश्यकता महसूस हुई. अगर इसे सार्वजनिक जगहों पर लगा दिया जाए तो इससे समाज को ज्यादा लाभ मिल सकेगा. आदित्य ने बताया कि यह पूरी तरह प्लास्टिक निर्मित है. सेनेटाइजर का निर्माण आफ्टर सेव लोशन और मिनरल वाटर द्वारा तैयार किया गया है. जो पूरी तरह सुरक्षित है.
'आगे भी मदद के लिए हूं तैयार'
मामले में जिलाधिकारी ने भी इस मशीन की सराहना की है. साथ ही उन्होंने इसे सार्वजनिक जगहों पर लगाने की बात भी कही है. वहीं, नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने कहा कि ये दोनों लड़के काफी होनहार व लगनशील हैं. इन लोगों ने हम से इस बारे में चर्चा किया था. इनका प्रोजेक्ट मुझे अच्छा लगा और मैने इनकी मदद की. साथ ही उन्होंने कहा कि आगे भी मैं इनलोगों के मदद के लिए तैयार हूं.
'मीरगंज निवासी हैं दोनों छात्र'
गौरतलब है कि सर्वेश और आदित्य छात्र हैं. मीरगंज निवासी सर्वेश ने अभी 12वीं की परीक्षा दी है. साथ ही वह पटना में रह कर पढ़ाई करते हैं. वहीं, मीरगंज के ही आदित्य दिल्ली में रहकर आईएएस की तैयारी करते हैं. जो छुट्टीयों में अपने घर आए हुए थे, लेकिन लॉक डाउन के कारण वह वापस दिल्ली नहीं जा सके.