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बोले शिक्षक संघ के अध्यक्ष- 'दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है देखेंगे'

17 फरवरी से प्रदेशभर में शिक्षक हड़ताल पर हैं. वहीं, गोपालगंज में हड़ताल पर बैठे शिक्षकों की मांगों और आंदोलन को धारदार बनाने का आह्वान किया.

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Published : Mar 13, 2020, 4:35 PM IST

Updated : Mar 13, 2020, 4:45 PM IST

बिहार की ताजा खबर
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गोपालगंज: समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर पिछले 26 दिनों से नियोजित शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक सभी जिलों में हड़ताल पर हैं. वहीं, गोपालगंज जिले के शिक्षा भवन परिसर में माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक संघ ने अपना हड़ताल पर बैठे हैं. हड़ताली शिक्षकों के बीच शिक्षक संघ के अध्यक्ष और विधान पार्षद केदार पांडेय ने शिक्षकों का हौसला बढ़ाते हुए आंदोलन को और भी धारदार बनाने का आह्वान किया.

विधान पार्षद और शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार पांडेय ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य की जवाबदेही सिर्फ शिक्षकों की ही नहीं है बल्कि सरकार की भी है. सरकार को हम लोगों ने काफी पहले वक्त दिया था कि सरकार हमारी बातों पर विचार करें, जिसे सरकार 5 वर्ष पहले कबूल किया था. बावजूद, हमारी बातों पर सरकार ने अमल नहीं किया. जिससे मजबूरन हड़ताल करनी पड़ रही है.

क्यों रोका गया दो महीने का वेतन- केदार पांडेय

लोकतंत्र में सभी को अधिकार-केदार पांडेय
लोक कल्याणकारी कार्यों में सरकार अभिभावक की भूमिका में होती है. हम अपनी मांग अमेरिका या ब्रिटेन से नहीं कर सकते. वही शिक्षकों पर हुए कार्रवाई को लेकर केदान पांडेय ने शायराना अंदाज में कहा कि 'दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है देखेंगे'. उन्होंने कहा कि सरकार दमनकारी नीति अपना कर हमें झुका नहीं सकती. शिक्षक दमन से घबराने वाले नहीं है. अगर सरकार चाहती है कि दमन कर के शिक्षको को डरा देंगे तो ये सम्भव नहीं है. लोकतंत्र में सभी को अधिकार है कि शान्तिपूर्ण व अहिंसक तरीके से हम अपना आंदोलन करें.

गोपालगंज: समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर पिछले 26 दिनों से नियोजित शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक सभी जिलों में हड़ताल पर हैं. वहीं, गोपालगंज जिले के शिक्षा भवन परिसर में माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक संघ ने अपना हड़ताल पर बैठे हैं. हड़ताली शिक्षकों के बीच शिक्षक संघ के अध्यक्ष और विधान पार्षद केदार पांडेय ने शिक्षकों का हौसला बढ़ाते हुए आंदोलन को और भी धारदार बनाने का आह्वान किया.

विधान पार्षद और शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार पांडेय ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य की जवाबदेही सिर्फ शिक्षकों की ही नहीं है बल्कि सरकार की भी है. सरकार को हम लोगों ने काफी पहले वक्त दिया था कि सरकार हमारी बातों पर विचार करें, जिसे सरकार 5 वर्ष पहले कबूल किया था. बावजूद, हमारी बातों पर सरकार ने अमल नहीं किया. जिससे मजबूरन हड़ताल करनी पड़ रही है.

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लोक कल्याणकारी कार्यों में सरकार अभिभावक की भूमिका में होती है. हम अपनी मांग अमेरिका या ब्रिटेन से नहीं कर सकते. वही शिक्षकों पर हुए कार्रवाई को लेकर केदान पांडेय ने शायराना अंदाज में कहा कि 'दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है देखेंगे'. उन्होंने कहा कि सरकार दमनकारी नीति अपना कर हमें झुका नहीं सकती. शिक्षक दमन से घबराने वाले नहीं है. अगर सरकार चाहती है कि दमन कर के शिक्षको को डरा देंगे तो ये सम्भव नहीं है. लोकतंत्र में सभी को अधिकार है कि शान्तिपूर्ण व अहिंसक तरीके से हम अपना आंदोलन करें.

Last Updated : Mar 13, 2020, 4:45 PM IST
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