गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में गोवर्धन पूजा को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इस दिन बहन ने अपने भाई की लंबी आयु के लिए रीति-रिवाज के साथ गोवर्धन भगवान की पूजा करती हैं. इस दौरान महिलाओं ने अपने घर के दरवाजे पर गाय के गोबर से प्रतिमा बनाई और फिर चना, मिठाई, नारियल समेत विभिन्न पूजन सामग्री के साथ पारंपरिक तरीके से पूजा शुरू की. वहीं इस दौरान महिलाओं ने मंगल गीत गाया और मुसर से कुटाई की.
क्या है गोधन कूटने की परंपरा: दरअसल वर्षो पुरानी चली आ रही गोवर्धन पूजा के दिन गोधन कूटने की भारती संस्कृति की यह परंपरा आज भी महिलाएं निभाती चली आ रही हैं. गोवर्धन पूजा को लेकर दीपावली के दिन से ही तैयारियां शुरू कर दी जाती है. घरों के आगे महिलाओं और लड़कियों द्वारा भगवान गोवर्धन की प्रतिमूर्ति गाय के गोबर से बनाई जाती है. इसके बाद पूजन सामग्री के साथ पूरे विधि-विधान से गोवर्धन भगवान की पूजा-अर्चना कर प्रतिमूर्ति को कूटने का कार्य किया जाता है.
"यह पर्व दशकों पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार चला आ रहा है. इसको लेकर पहले बहन अपने भाई को शापित करती है और अपने जीभ में कांटा चुभाती है. मान्यताओं के अनुसार शापित किए जाने से भाइयों की आयु लंबी होती है."-संगीता देवी, व्रती
भाईयों को खिलाई जाती है बजरी: गोवर्धन पूजा के दिन से ही हिदू धर्म शास्त्रों के अनुसार लग्न के कार्य शुरू हो जाते हैं. इसी दिन से लड़कियां पीड़िया व्रत की भी शुरुआत करती हैं. लड़कियां घरों में पीड़िया को लगाने का कार्य भी इसी दिन करती हैं. पूजा के बाद बहन अपने भाइयों को बजरी खिलाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है.