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बिहार के इस युवा साइंटिस्ट ने बनाया सैनिकों के लिए चार्जेबल जूता, पढ़िये क्या है खासियत?

इस जूते को पहन कर चलने या इस पर दबाव पड़ने से यह चार्ज होता है. जिसके बाद उससे मोबाइल भी चार्ज किया जा सकता है.

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Published : Mar 13, 2019, 10:05 AM IST

अपने डिवाइस के साथ विवेक

गोपालगंजः कहते हैं कि मेहनत व लग्न से काम करने वाले लोगों की कभी हार नहीं होती. ये बात जिले के एक युवा छात्र पर सटीक बैठती है. जिसने अपनी मेहनत और इच्छा शक्ति के बल पर एक ऐसा डिवाईस तैयार किया है, जो बार्डर पर सैनिकों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है.

यह एक ऐसा डिवाईस है जिससे आप बिना बिजली व बैटरी के अपना मोबाइल चार्ज कर सकते हैं इतना ही नहीं इस डिवाईस से आपकी लोकेशन का भी पता आसानी से चल सकता है. ये बाते जानकर शायद आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन यह सौ प्रतिशत सत्य है. इसका दावा किया है जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर वैकुंठपुर थाना क्षेत्र के बनौरा गांव निवासी त्रिभुवन कुमार प्रसाद के पुत्र विवेक ने.

डिवाइस के बारे में जानकारी देते विवेक

सैनिकों के लिए है खास
विवेक ने ऐसीतरकीब जूता से ईजाद कीहै, जो लोगों के बीच कौतूहल बना हुआ है. विवेक कीमानें तो उसने यह जूता खास कर सैनिकों के लिए तैयार किया है. जिसे पहन कर चलने या इसपर दबाव पड़ने से यह चार्ज होता है. जिसके बाद उससे मोबाइल भी चार्ज किया जा सकता है. उसने बताया कि घाटी और सीमा पर तैनात सेना के लिए मोबाइल की चार्जिंग एक बड़ी समस्या होती है, उन्हें मोबाइल चार्ज करने के लिए बिजली और बैटरी नहीं मिल पाती, ऐसे में इससे उनकी यह समस्या दूर हो सकती है.
क्या है खासियत

क्या हैचार्जेबुल जूते की खासियत
इस चार्जेबुल जूते की खासियत यह है कि इसके सोल में दो पीजों इलेक्ट्रिक सेंसर लगा है. चलने के दौरान दबाव बल के चलते सेंसर विद्युत धारा प्रवाहित करता है. सोल में फीट किया गया 9 एंपियर का सूक्ष्म बैटरी उत्पन्न विद्युत धारा को स्टार्ट करता है. सेंसर के पास जूते के सेल के पीछे चार्जिंग प्लग लगा है, इससे मोबाइल चार्ज होता है. यह चार्जेबुल जूता सिर्फ मोबाइल चार्ज करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इनमें लगे सेंसर सैनिकों के लिए काफी कारगर साबित होगा. कई बार देखा जाता है कि हमारे सैनिकों की मौत हो जाने के बाद उनका शव नहीं मिल पाता है या वे कहीं गुम हो जाते हैं. वैसी परिस्थिति में यह सेंसर के जरिये यह पता चल सकता है कि सैनिक कहा हैं.

vivek
अपने डिवाइस के साथ विवेक

प्रशासन ने अब तक नहीं बढ़ाया मनोबल
विवेक ने बताया कि यह डिवाईस तभी काम करेगा जब शरीर का कोई भी अंग जूते में लगाये गए डिवाइस से टच करेगा और अगर टच नहीं करेगा या मौत हो जाने की स्थिति में ऑटोमेटिक हेड क्वाटर तक सूचना देने लगेगा. युवा वैज्ञानिक विवेक ने बताया कि मुझे कनाडा अधिवेशन में जाने का मौका मिला था, लेकिन परीक्षा होने के कारण वह नहीं जा सका. लखनऊ आइआइटी में भी विवेक के काम की काफी तारीफ हुई थी. विवेक जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार के समक्ष अपना प्रोजेक्ट रखना चाहता है जिसके लिए उसने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री के समक्ष पत्र के माध्यम से अपनी बात रखी थी, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है.

गोपालगंजः कहते हैं कि मेहनत व लग्न से काम करने वाले लोगों की कभी हार नहीं होती. ये बात जिले के एक युवा छात्र पर सटीक बैठती है. जिसने अपनी मेहनत और इच्छा शक्ति के बल पर एक ऐसा डिवाईस तैयार किया है, जो बार्डर पर सैनिकों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है.

यह एक ऐसा डिवाईस है जिससे आप बिना बिजली व बैटरी के अपना मोबाइल चार्ज कर सकते हैं इतना ही नहीं इस डिवाईस से आपकी लोकेशन का भी पता आसानी से चल सकता है. ये बाते जानकर शायद आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन यह सौ प्रतिशत सत्य है. इसका दावा किया है जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर वैकुंठपुर थाना क्षेत्र के बनौरा गांव निवासी त्रिभुवन कुमार प्रसाद के पुत्र विवेक ने.

डिवाइस के बारे में जानकारी देते विवेक

सैनिकों के लिए है खास
विवेक ने ऐसीतरकीब जूता से ईजाद कीहै, जो लोगों के बीच कौतूहल बना हुआ है. विवेक कीमानें तो उसने यह जूता खास कर सैनिकों के लिए तैयार किया है. जिसे पहन कर चलने या इसपर दबाव पड़ने से यह चार्ज होता है. जिसके बाद उससे मोबाइल भी चार्ज किया जा सकता है. उसने बताया कि घाटी और सीमा पर तैनात सेना के लिए मोबाइल की चार्जिंग एक बड़ी समस्या होती है, उन्हें मोबाइल चार्ज करने के लिए बिजली और बैटरी नहीं मिल पाती, ऐसे में इससे उनकी यह समस्या दूर हो सकती है.
क्या है खासियत

क्या हैचार्जेबुल जूते की खासियत
इस चार्जेबुल जूते की खासियत यह है कि इसके सोल में दो पीजों इलेक्ट्रिक सेंसर लगा है. चलने के दौरान दबाव बल के चलते सेंसर विद्युत धारा प्रवाहित करता है. सोल में फीट किया गया 9 एंपियर का सूक्ष्म बैटरी उत्पन्न विद्युत धारा को स्टार्ट करता है. सेंसर के पास जूते के सेल के पीछे चार्जिंग प्लग लगा है, इससे मोबाइल चार्ज होता है. यह चार्जेबुल जूता सिर्फ मोबाइल चार्ज करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इनमें लगे सेंसर सैनिकों के लिए काफी कारगर साबित होगा. कई बार देखा जाता है कि हमारे सैनिकों की मौत हो जाने के बाद उनका शव नहीं मिल पाता है या वे कहीं गुम हो जाते हैं. वैसी परिस्थिति में यह सेंसर के जरिये यह पता चल सकता है कि सैनिक कहा हैं.

vivek
अपने डिवाइस के साथ विवेक

प्रशासन ने अब तक नहीं बढ़ाया मनोबल
विवेक ने बताया कि यह डिवाईस तभी काम करेगा जब शरीर का कोई भी अंग जूते में लगाये गए डिवाइस से टच करेगा और अगर टच नहीं करेगा या मौत हो जाने की स्थिति में ऑटोमेटिक हेड क्वाटर तक सूचना देने लगेगा. युवा वैज्ञानिक विवेक ने बताया कि मुझे कनाडा अधिवेशन में जाने का मौका मिला था, लेकिन परीक्षा होने के कारण वह नहीं जा सका. लखनऊ आइआइटी में भी विवेक के काम की काफी तारीफ हुई थी. विवेक जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार के समक्ष अपना प्रोजेक्ट रखना चाहता है जिसके लिए उसने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री के समक्ष पत्र के माध्यम से अपनी बात रखी थी, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है.

Intro:कहते है मेहनत व लग्न से काम करने वाले लोगो की कभी हार नही होती। ये पंक्तियां जिले के युवा वैज्ञानिक पर सटीक बैठती है। जिले के युवा वैज्ञानिक ने एक ऐसा डिवाईस तैयार किया है जिससे आप अपने जूते से बिना बिजली व बैटरी के मोबाइल चार्ज कर सकते है। इतना ही नही इस जूते से आपकी लोकेशन का भी पता चल सकता है। ये बाते जानकर शायद आपको विश्वास नही होगा लेकिन यह सौ प्रतिशत सत्य है। और इसका दावा किया है जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर वैकुंठपुर थाना क्षेत्र के बनौरा गांव निवासी त्रिभुवन कुमार प्रसाद के पुत्र विवेक ने। विवेक ने जूता से ऐसा तरकीब ईजाद किया है, जिससे जो लोगो के बीच कौतूहल बना है। विवेक के माने तो यह जूता खास कर सैनिकों के लिए तैयार किया है। जिसे पहन कर चलने या इसपर दबाव पड़ने से चार्ज होता है। जिसके बाद उससे मोबाइल चार्ज किया जा सकता है। उसने बताया कि घाटी और सीमा पर तैनात सेना के लिए मोबाइल की चार्जिंग एक बड़ी समस्या है उन्हें मोबाइल चार्ज करने के लिए बिजली और बैटरी नहीं मिल पाती ऐसे में इससे उनकी यह समस्या दूर हो सकती है

क्या है खाशियत
चार्जेबुल जूते की खासियत यह है कि इसके सोल में दो पीजों इलेक्ट्रिक सेंसर लगा है। चलने के दौरान दबाव बल के चलते सेंसर विद्युत धारा प्रवाहित करता है सोल में फीट किया गया 9 एंपियर का सूक्ष्म बैटरी उत्पन्न विद्युत धारा को स्टार्ट करता है। सेंसर के पास जूते के सेल के पीछे चार्जिंग प्लग लगा है इससे से मोबाइल चार्ज होता है

लोकेशन भी करेगा ट्रेस

यह चार्जेबुल जूता सिर्फ मोबाइल चार्ज करने तक ही सीमित नही रहता है। बल्कि इनमें लगे सेंसर सैनिकों के लिए भी कारगर साबित होगा। कई बार देखा जाता है कि हमारे सैनिकों की मौत हो जाने के बाद उनका शव नही मिल पाता है या वे कहि गुम हो जाते है। वैसी परिस्थिति में यह सेंसर के जरिये यह पता चल सकता है कि सैनिक कहा है। दरअसल यह कार्य तब करेगा जब शरीर के कोई भी अंग अगर जूट में लगाये गए डिवाइस से टच करेगा तब ठीक है और अगर टच नही करेगा या मौत हो जाने की स्थिति में ऑटोमेटिक हेड क्वाटर तक सूचना देने लगेगा। उसने बताया कि हाल ही में एक सैनिक का शव वर्फ़ से ढकने के।कारण पता नही चल सका था। जिसको देखकर यह तैयार किया गया है यह जूता हेड क्वाटर को जानकारी देगा जिससे किसी तरह की समस्या का समाधान किया जा सकता है।

सरकार व जिला प्रशासन का नही मिल रहा साथ

युवा वैज्ञानिक विवेक ने बताया कि मुझे कनाडा अधिवेशन में जाने का मौका मिला था लेकिन परीक्षा होने के कारण मैं नही जा सका था। हलांकि मुझे सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ वही लखनऊ आइआइटी द्वारा भी मेरे कार्य की काफी तारीफ हुई थी। मैंने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार के समक्ष अपना प्रोजेक्ट रखना चाहता हूं जिसको लेकर मैंने जिलाधिकारी को पत्र दिया था साथ ही मुख्यमंत्री को भी पत्र के माध्यम से अपनी बात रखी थी लेकिन अभी तक कोई जवाब नही आया है। अगर सरकार हमारी मदद करे तो इससे भी बेहतर डिवाइस तैयार किया जा सकता है। और देश क्व सैनिकों के लिए कुछ किया जा सके।


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Conclusion:कुल मिलाकर देखा जाए तो इस युवा वैज्ञानिक विवेक के कार्यो को सरकार अपने स्तर से सुविधा मुहैया कराए तो यह चार्जेबुल जूता काफी कारगर साबित होगा
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