गोपालगंज: सदर अस्पताल में डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाएं और उनके जीवन को खुशहाल बनाएं. पोलियो उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे इस अभियान का हिस्सा बने और अपने बच्चों की पोलियो की खुराक दिलाना ना भूलें.
'दो बूंद जिंदगी की' जरूरी
दरअसल, पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत सदर अस्पताल से जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी द्वारा की गई. इस दौरान उन्होंने कहा कि 5 साल से कम आयु के अपने बच्चों को पोलियो की सभी खुराक समय पर दिलवाएं. स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य के लिए 'दो बूंद जिंदगी की' जरूरी है. सजग बने पोलियो को लौटने का मौका न दें और अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएं.
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5 दिवसीय पल्स पोलियो अभियान
डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि जिले में 5 दिनों तक पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा. अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर शून्य से 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएंगी. इसको लेकर माइक्रो प्लान भी तैयार किया गया है. माइक्रो प्लान के अनुसार अभियान को सफल बनाया जाएगा. साथ ही इन कर्मियों की मॉनिटरिंग एवं अभियान का सफल संचालन के लिए सुपरवाइजर एवं माॅनिटर की तैनाती की गई है.
3,17,253 पोलियो खुराक देने का लक्ष्य
अभियान के दौरान इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि एक भी बच्चा पोलियो की दो बूंद दवा पीने से छूटे नहीं. डीएम ने बताया कि जिले में 3 लाख 17 हजार 253 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए जिले में 1153 दल बनाए गए हैं. जिसमें 1050 डोर टू डोर टीम, 70 ट्रांजिट दल, 15 वन मैन दल को लगाया गया है.
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घर-घर जाकर पिलाएंगे पोलियो की दवा
डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान की ड्यूटी में लगे आंगनबाड़ी सेविका, आशा समेत अन्य कर्मी घर-घर जाकर पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगे. साथ ही दवा पिलाने के बाद बच्चों का नाम, बच्चे के माता-पिता का नाम, गृह संख्या आदि विभाग द्वारा दी गई फॉर्मेट में भरेंगे. साथ ही बाहर गये बच्चों की भी पूरी जानकारी लेकर फॉर्मेट में भरेंगे और देर शाम दिन भर के कार्यों की रिपोर्ट स्थानीय पीएचसी में जमा करेंगे.
एक भी बच्चा छूटे ना
दरअसल, एक भी बच्चा छूटने पर वायरस फैलने का प्रबल संभावना रहती है. इसको लेकर जिले के चौक-चौराहे, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर दवा पिलाने के लिए कर्मियों की तैनात किए गए हैं. जो बाहर से आने-जाने वाले यानी सफर कर रहे बच्चे को दवा पिलाएंगे. ताकि सफर पर निकले बच्चे वंचित नही रहे. साथ ही दवा पिलाने के बाद बच्चों के अंगुली में निशान भी लगाया जाएगा. ताकि किसी भी बच्चे को भूलवश जाने-अनजाने में दोबारा दवाई नहीं पिलाई जा सकें.
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कोविड नियमों की पालना भी जरूरी
बच्चों को दवाई पिलाने के दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन का ख्याल रखा जाएगा. बचाव से संबंधित उपायों का पालन करते हुए कर्मी दवा पिलाएंगे और खुद के साथ-साथ दूसरों का भी कोविड-19 से सुरक्षा का ख्याल रखेंगे. इसको लेकर विभागीय पदाधिकारियों द्वारा सभी कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.