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Prashant Kishor On Corruption: PM आवास योजना में भ्रष्टाचार का प्रशांत किशोर ने किया खुलासा, जानें

गोपालगंज में प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा के तहत लोगों से मुलाकात की. मीडिया से बात करने हुए प्रशांत किशोर ने पीएम आवास योजना में कैसे और कितना घूस देना पड़ रहा है इसका खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि लोगों को 25 से 40 हजार तक रिश्वत देनी पड़ रही है. इतना ही नहीं रिश्वत देने के लिए लोन पर पैसे देने का उद्योग भी चल रहा है.

corruption in PM Awas Yojana in Bihar
corruption in PM Awas Yojana in Bihar
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Published : Jan 25, 2023, 1:26 PM IST

जन सुराज संयोजक प्रशांत किशोर

गोपालगंज: जन सुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर (Prashant Kishor Jan Suraj Padyatra) ने गोपालगंज में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार को लेकर अपनी बात रखी है. जन सुराज यात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार देखने को मिला.

पढ़ें- Bihar Politics: 'CM नीतीश मेरी सलाह मानते तो कोरोना काल में पैदल नहीं चलते बिहार के लोग'- प्रशांत किशोर

बोल प्रशांत किशोर- 'पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार': प्रशांत किशोर ने कहा कि इस योजना के तहत 1 लाख 40 हजार रुपये लाभार्थियों को मिलना है, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या कम है. जनप्रतिनिधि बताते हैं कि जहां ग्रामसभा से प्रस्ताव पारित कर दिया है, वहां पर भी लोगों को इसका लाभ नहीं दे पा रहे हैं. लोगों ने बताया की प्रधानमंत्री आवास योजना आवेदन संबंधित पोर्टल ही ज्यादातर समय बंद रहता है.

"जो लाभार्थी है उनको व्यवस्थित तरीके से 25 से 40 हजार तक कमीशन देना पड़ रहा है. जहां प्रतिनिधि पैसा ले रहे हैं, वहां पर ये आंकड़ा 35-40 हजार है. कई जगहों पर जन प्रतिनिधि पैसा नहीं ले रहे है, वहां 20-25 हजार रिश्वत देनी पड़ रही है. नाम लिखने से लेकर आखिरी किश्त आने तक व्यवस्थित ढंग से पैसे लिए जा रहे हैं."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

'रिश्वतखोरी के लिए पूरी व्यवस्था बनी हुई है': उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना में अफसर अपना हिस्सा बराबर ले रहे हैं. ये बात जनप्रतिनिधियों ने भी कही है. कम से कम 20 हजार और कहीं कहीं 40 से 45 हजार तक देना पड़ेगा, इसकी पूरी व्यवस्था बनी हुई है. नाम लिखने के लिए 1000 रुपये, आगे बढ़ाने के लिए 2000 रुपये, फोटो खींचाने के लिए 2000 रुपये देने पड़ रहे हैं. दलाल खुले आम घूमते हैं और लोगों को बताते हैं कि तुम्हारा नाम लिखा गया है. आगे नाम भेजना है तो 2000 रुपये दो.

"कुछ लोगों ने बताया कि जब हमने कहा कि नहीं है 2000 रुपये कहां से देंगे, गरीब आदमी है. तब दलालों ने कहा कि तुम्हारे पास बकरी है इसको बेचो. पीएम आवास योजना को उद्योग बना दिया गया है. गांव में पीएम आवास योजना जिसे आज भी लोग इंदिरा आवास के नाम से ही जानते हैं, के लिए धड़ल्ले से घूस लिए जा रहे हैं. वहीं कुछ लोग लोन भी दे रहे हैं. 2000 रुपये लोन पर 5 से 10 प्रतिशत तक ब्याज लिया जा रहा है."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

जन सुराज संयोजक प्रशांत किशोर

गोपालगंज: जन सुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर (Prashant Kishor Jan Suraj Padyatra) ने गोपालगंज में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार को लेकर अपनी बात रखी है. जन सुराज यात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार देखने को मिला.

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बोल प्रशांत किशोर- 'पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार': प्रशांत किशोर ने कहा कि इस योजना के तहत 1 लाख 40 हजार रुपये लाभार्थियों को मिलना है, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या कम है. जनप्रतिनिधि बताते हैं कि जहां ग्रामसभा से प्रस्ताव पारित कर दिया है, वहां पर भी लोगों को इसका लाभ नहीं दे पा रहे हैं. लोगों ने बताया की प्रधानमंत्री आवास योजना आवेदन संबंधित पोर्टल ही ज्यादातर समय बंद रहता है.

"जो लाभार्थी है उनको व्यवस्थित तरीके से 25 से 40 हजार तक कमीशन देना पड़ रहा है. जहां प्रतिनिधि पैसा ले रहे हैं, वहां पर ये आंकड़ा 35-40 हजार है. कई जगहों पर जन प्रतिनिधि पैसा नहीं ले रहे है, वहां 20-25 हजार रिश्वत देनी पड़ रही है. नाम लिखने से लेकर आखिरी किश्त आने तक व्यवस्थित ढंग से पैसे लिए जा रहे हैं."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

'रिश्वतखोरी के लिए पूरी व्यवस्था बनी हुई है': उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना में अफसर अपना हिस्सा बराबर ले रहे हैं. ये बात जनप्रतिनिधियों ने भी कही है. कम से कम 20 हजार और कहीं कहीं 40 से 45 हजार तक देना पड़ेगा, इसकी पूरी व्यवस्था बनी हुई है. नाम लिखने के लिए 1000 रुपये, आगे बढ़ाने के लिए 2000 रुपये, फोटो खींचाने के लिए 2000 रुपये देने पड़ रहे हैं. दलाल खुले आम घूमते हैं और लोगों को बताते हैं कि तुम्हारा नाम लिखा गया है. आगे नाम भेजना है तो 2000 रुपये दो.

"कुछ लोगों ने बताया कि जब हमने कहा कि नहीं है 2000 रुपये कहां से देंगे, गरीब आदमी है. तब दलालों ने कहा कि तुम्हारे पास बकरी है इसको बेचो. पीएम आवास योजना को उद्योग बना दिया गया है. गांव में पीएम आवास योजना जिसे आज भी लोग इंदिरा आवास के नाम से ही जानते हैं, के लिए धड़ल्ले से घूस लिए जा रहे हैं. वहीं कुछ लोग लोन भी दे रहे हैं. 2000 रुपये लोन पर 5 से 10 प्रतिशत तक ब्याज लिया जा रहा है."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

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