गोपालगंज: बिहार का गोपालगंज सदर अस्पताल आए दिन अपने कारनामों के कारण सुर्खियों में रहता है. अब एक बार फिर उस वक्त ये अस्पताल सुर्खियों में आ गया, जब शनिवार की देर वहां लोगों ने हंगामा (Uproar in Gopalganj Sadar Hospital) शुरू कर दिया. दरअसल, रात अपने मरीज को लेकर उनके परिजन सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे थे लेकिन इमर्जेंसी वार्ड में डॉक्टर मौजूद नहीं थे. काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब डॉक्टर नहीं आए और मरीज की स्थिति लगातार बिगड़ती गई, तब उनके सब्र का बांध टूट गया और आक्रोशित हो उठे. इमरजेंसी वार्ड के बाहर ट्रायल रूम में तोड़फोड़ की.
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मरीज के परिजनों का बवाल: आक्रोशित परिजनों के हंगामे को देखकर वहां से सभी कर्मी फरार हो गए, वहीं सुरक्षाकर्मी मूकदर्शक बने रहे. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सदर एसडीपीओ संजीव कुमार, सदर एसडीओ प्रदीप कुमार एडीएम वीरेंद्र प्रसाद समेत बीडीओ और सीओ के अलावे भारी संख्या में पुलिस कर्मी ने हालात को काबू में किया. इस दौरान हंगामा कर रहे लोगों को नियंत्रित करने के लिए लाठियां भी भांजी. वहीं तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
डॉक्टर गायब, मरीज की तबीयत बिगड़ी: बताया जाता है कि जिले के थावे थाना क्षेत्र के पैठान पट्टी निवासी शाहीन मियां के बेटे अली इमाम की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद परिजन आनन-फानन में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमर्जेंसी वार्ड लेकर पहुंचे लेकिन डॉक्टर ड्यूटी से गायब थे. मरीज के परिजनों ने डॉक्टर को फोन कर उन्हें बुलाया लेकिन एक घंटे बाद भी डॉक्टर नहीं पहुंचे. जिस वजह से परिजनों का गुस्सा भड़क उठा और बवाल शुरू कर दिया.
मामले की छानबीन में जुटा प्रशासन: इस सन्दर्भ में मरीज के परिजनों ने बताया कि जब अपने मरीज को लेकर पहुंचे तो डॉक्टर गायब थे. इस बीच कोई उन्हें ऑक्सीजन भी लगाने वाला नहीं था. हंगामा करने के बाद एक घण्टे से ज्यादा समय के बाद डॉक्टर पहुंचे. वहीं सदर अस्पताल पहुंचे सदर एसडीओ संजीव कुमार ने बताया कि मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं थे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच की जाएगी. साथ ही परिजनों द्वारा हो हंगामा करने की भी छानबीन की जा रही है. जांच के बाद दोषी पर कार्रवाई होगी.
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