गोपालगंज: कोरोना काल में लागू लॉकडाउन में सदर अस्पताल के ओपीडी में एक माह तक ताले लगे रहे. जिससे मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी हुई. वहीं हालात सामान्य हो जाने के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. लेकिन डॉक्टर्स की कमी दूर नहीं हो रही है. जिससे मरीजों को पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल पा रही है.
देश मे कोरोना संक्रमण ने अपना पांव तेजी से पसार कर कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. शासन-प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए सोशल डिस्टेन्स, मास्क लगाने समेत कई दिशानिर्देश जारी किए हैं. वहीं शुरुआती दौर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन द्वारा जिले के सदर अस्पताल का ओपीडी 23 मार्च से 20 अप्रैल तक बंद करने का आदेश जारी कर दिया था. ओपीडी बंद हो जाने के कारण मरीजों को काफी समस्या हुई. निजी नर्सिंग होम भी बंद कर दिए गए थे.
बढ़ रही मरीजों की संख्या
वहीं 20 अप्रैल को बंद चल रही जिला अस्पताल की ओपीडी प्रशासन के निर्देश पर खोल दिया गया. विभिन्न विभागों में अब तक यानी 7 माह में 27 हजार 9 सौ 52 से ज्यादा मरीजों ने इलाज कराया गया. सर्दी, जुकाम, बुखार, पेट-दर्द , आंख, दांत आदि के मरीज ओपीडी में इलाज कराने अस्पताल आए. वहीं हड्डी के मरीजों की संख्या अधिक रही. हालांकि ओपीडी शुरू होने के बावजूद शुरुआत में लोग सर्दी, जुकाम, बुखार, सिर दर्द जैसी छोटी बीमारियों में अस्पताल जाने से बचते दिखे थे. वहीं मौसम के उतार चढ़ाव के चलते सर्दी, खांसी सहित अन्य मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ने लगे हैं. जिसके कारण ओपीडी में मरीजों की भीड़ नजर आने लगी है.
मरीजों की संख्या बढ़ने से हो रही परेशानी
ओपीडी में कार्यरत डॉ भूलन सिंह ने बताया कि पूर्व में बंद रहे ओपीडी के खुलने के बाद मरीजो की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. प्रतिदिन औसतन 5 से 7 सौ मरीज यहां पहुंचते है. वहीं मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त संख्या में डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों को काफी परेशानियां हो रही है. जो डॉक्टर कार्यरत है वे भी समय से नहीं आते हैं. जिससे मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है. परिसर में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए उचित शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं किया जा रहा है और ना ही मास्क की अनिवार्यता दिखाई देती है.