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ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ाने की कवायद, जल संचय और संरक्षण के लिए जल शक्ति अभियान की शुरुआत - जल शक्ति अभियान

जल संचय के लिए पूरे जिले में हर स्कूल, आंगनबाड़ी और दूसरे केंद्रों पर सोख्ता बनाने का अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही जल कचहरी का आयोजन होगा. जल कचहरी में सभी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी. जिसमें कार्य का रोपमैप तैयार किया जाएगा.

जल शक्ति अभियान की शुरुआत
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Published : Jul 29, 2019, 3:11 PM IST

गोपालगंज: जल के बिना इस पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. बिहार में हर साल जलस्तर गिर रहा है. ऐसे में प्राकृतिक जल का दुरुपयोग न हो और इसका सही तरीके से संचय और संरक्षण हो इस पर ध्यान देने की जरूरत है. उक्त बातें गोपालगंज जिले के जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर ने एक प्रेस वार्ता में कही.

जल संरक्षण बहुत जरूरी - डीएम
इस दौरान जिले के डीएम ने कहा कि आज पूरी दुनिया जल संकट से जूझ रही है. आने वाले समय में जल संकट और बढ़ने वाला है. ऐसे में हमारी यह जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि जो भी प्राकृतिक जल उपलब्ध है, उसका बेहतर तरीके से संरक्षण और संचय किया जाए. उन्होंने कहा कि मानव जीवन के लिए जल अत्यंत महत्वपूर्ण है. हम जल के संरक्षण और संचय कर जल संकट से उबरने में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं.

मिशन जल संचय की शुरुआत करते डीएम
मिशन जल संचय की शुरुआत करते डीएम
जल शक्ति अभियान की शुरुआत जल संकट को देखते हुए सरकार ने जल संचय की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है. इसके लिए जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई. इस अभियान के तहत जल संरक्षण, वर्षा जल संचय करने और जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने जैसे कदम उठाए जाएंगे.
योजना की जानकारी देते डीएम

जल कचहरी का होगा आयोजन
जल संचय के लिए पूरे जिले में हर स्कूल, आंगनबाड़ी और अन्य केंद्रों पर सोख्ता बनाने का अभियान चलाया जा रहा है. ताकि वर्षा के बर्बाद होने वाले जल को सोख्ता के माध्यम से संचय कर उसे फिर से भूगर्भ में पहुंचाया जा सके. जिले के प्रत्येक ग्राम कचहरी में प्रत्येक शनिवार को जल कचहरी का आयोजन किया जाएगा. जल कचहरी में सभी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी. जिसमें कार्यवृत्त तैयार किया जाएगा. जिलाधिकारी ने पंचायत क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पंचायत क्षेत्र के सरकारी गड्ढे, तालाब, नहर, पइन आदि जल स्रोतों पर अतिक्रमण करने वाले जल शत्रुओं की सूची तैयार कर ग्राम कचहरी और अंचल भवनों के दीवारों पर अंकित करने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही.

मिशन मोड में किया जाएगा संचालित
इस अभियान के तहत परंपरागत जल स्रोतों को फिर से शुरू किया जाएगा. ग्राउंड वाटर लेवल ऊपर उठाने के लिए जल स्रोतों का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गोपालगंज जिले में इस अभियान को मिशन मोड में संचालित किया जाएगा.

मुखिया होगा जल कचहरी का अध्यक्ष
जल कचहरी का आयोजन ग्राम कचहरी में प्रत्येक शनिवार को किया जाएगा. जल कचहरी का अध्यक्ष ग्राम पंचायत का मुखिया होगा. सरपंच-उपाध्यक्ष, हल्का कर्मचारी-सचिव, नोडल पदाधिकारी-समन्वयक सह प्रेरक और पंचायत के पंच एवं वार्ड इस कचहरी के सदस्य होंगे .

गोपालगंज: जल के बिना इस पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. बिहार में हर साल जलस्तर गिर रहा है. ऐसे में प्राकृतिक जल का दुरुपयोग न हो और इसका सही तरीके से संचय और संरक्षण हो इस पर ध्यान देने की जरूरत है. उक्त बातें गोपालगंज जिले के जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर ने एक प्रेस वार्ता में कही.

जल संरक्षण बहुत जरूरी - डीएम
इस दौरान जिले के डीएम ने कहा कि आज पूरी दुनिया जल संकट से जूझ रही है. आने वाले समय में जल संकट और बढ़ने वाला है. ऐसे में हमारी यह जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि जो भी प्राकृतिक जल उपलब्ध है, उसका बेहतर तरीके से संरक्षण और संचय किया जाए. उन्होंने कहा कि मानव जीवन के लिए जल अत्यंत महत्वपूर्ण है. हम जल के संरक्षण और संचय कर जल संकट से उबरने में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं.

मिशन जल संचय की शुरुआत करते डीएम
मिशन जल संचय की शुरुआत करते डीएम
जल शक्ति अभियान की शुरुआत जल संकट को देखते हुए सरकार ने जल संचय की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है. इसके लिए जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई. इस अभियान के तहत जल संरक्षण, वर्षा जल संचय करने और जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने जैसे कदम उठाए जाएंगे.
योजना की जानकारी देते डीएम

जल कचहरी का होगा आयोजन
जल संचय के लिए पूरे जिले में हर स्कूल, आंगनबाड़ी और अन्य केंद्रों पर सोख्ता बनाने का अभियान चलाया जा रहा है. ताकि वर्षा के बर्बाद होने वाले जल को सोख्ता के माध्यम से संचय कर उसे फिर से भूगर्भ में पहुंचाया जा सके. जिले के प्रत्येक ग्राम कचहरी में प्रत्येक शनिवार को जल कचहरी का आयोजन किया जाएगा. जल कचहरी में सभी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी. जिसमें कार्यवृत्त तैयार किया जाएगा. जिलाधिकारी ने पंचायत क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पंचायत क्षेत्र के सरकारी गड्ढे, तालाब, नहर, पइन आदि जल स्रोतों पर अतिक्रमण करने वाले जल शत्रुओं की सूची तैयार कर ग्राम कचहरी और अंचल भवनों के दीवारों पर अंकित करने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही.

मिशन मोड में किया जाएगा संचालित
इस अभियान के तहत परंपरागत जल स्रोतों को फिर से शुरू किया जाएगा. ग्राउंड वाटर लेवल ऊपर उठाने के लिए जल स्रोतों का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गोपालगंज जिले में इस अभियान को मिशन मोड में संचालित किया जाएगा.

मुखिया होगा जल कचहरी का अध्यक्ष
जल कचहरी का आयोजन ग्राम कचहरी में प्रत्येक शनिवार को किया जाएगा. जल कचहरी का अध्यक्ष ग्राम पंचायत का मुखिया होगा. सरपंच-उपाध्यक्ष, हल्का कर्मचारी-सचिव, नोडल पदाधिकारी-समन्वयक सह प्रेरक और पंचायत के पंच एवं वार्ड इस कचहरी के सदस्य होंगे .

Intro:जल संकट को देख सरकार ने जल संचय की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है जिसको लेकर जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान के तहत गोपालगंज जिले में जिला अधिकारी अनिमेष कुमार पाराशर अपने कक्ष में एक प्रेस वार्ता आयोजित की । प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जल संरक्षण वर्षा जल संचय करने और जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई है।






Body:जिले के प्रत्येक ग्राम कचहरी के तौर पर प्रत्येक शनिवार को जल कचहरी का आयोजन करने की बात कही गई। जिलाधिकारी ने पंचायत क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पंचायत क्षेत्र के सरकारी गड्ढे,तालाब ,नहर, पइन, खांड आदि जल स्रोतों पर अतिक्रमण करने वाले जल शत्रुओं की सूची तैयार कर ग्राम कचहरी और अंचल भवनों के दीवारों पर अंकित करने के बाद उनके विरूद्ध अतिक्रमण बाद की कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान के तहत परंपरागत जल स्रोतों का वापस सही किया जाएगा । भू जल संरक्षण के लिए ग्राउंड वाटर ऊपर उठने के लिए विभिन्न जल स्रोतों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गोपालगंज जिले में इस अभियान को समयबद्ध एवं मिशन मोड में संचालित किया जा रहा है। संचालित अभियान में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से जन जागरूकता एवं सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तथा अतिक्रमण परंपरागत सरकारी जल स्रोतों को स्थानीय पंचायतीराज प्रतिनिधियों, कर्मियों के समन्वय से पर्यावरण अनुकूल व व्यापक लोकहित के दृष्टिकोण से अतिक्रमण मुक्त कराना है।

जल कचहरी का उद्देश्य
-स्थानीय पंचायत निकायों में परंपरागत जल स्रोतों के दृष्टिगत सामूहिक स्वामित्व की भावना बढ़ाना तथा इनका सशक्तीकरण व जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना

-पंचायत के निगरानी में अतिक्रमण समस्त जल स्रोतों को चिन्हित करना एवं सूचीबद्ध कर ग्राम कचहरी में प्रदर्शित करना

-चिन्हित किए गए अतिक्रमण जल स्रोतों को मुक्त कराने के लइये अंचलाधिकारी को अनुशंसा भेजना। सभी पंचायतों में सोखता निर्माण एवं वर्षा जल संचयन के लिये सभी पंचायतों की टीम भ्रमण कर लोगों को जागरूक करना

-पंचायत के समस्त जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पंचायत का कार्य योजना तैयार करना तथा विभाग से समन्वय स्थापित कर जनसहभागिता के माध्यम से क्रियान्वित करना

जल कचहरी के कौन होंगे सदस्य

ग्राम पंचायत के मुखिया। अध्यक्ष
सरपंच उपाध्यक्ष
हल्का कर्मचारी। सचिव
नोडल पदाधिकारी समन्वयक सह प्रेरक
पंचायत रोजगार सेवक सदस्य
ग्राम आवास सहायक सदस्य
किसान सलाहकार सदस्य
संबंधित पंचायत के सिआरसी शिक्षक। सदस्य
महिला पर्यवेक्षक एवं वार्ड सदस्य
सभी पंच एवं वार्ड सदस्य। सदस्य

जल कचहरी का कार्यक्रम

जल कचहरी प्रत्येक पंचायत के ग्राम कचहरी में प्रत्येक शनिवार को आयोजित किया जाएगा। जल कचहरी में सभी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। तथा प्रत्येक बैठक का कार्यवृत्त तैयार किया जाएगा। समुदाय द्वारा यथाशीघ्र अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

-15 अगस्त तक समस्त अतिक्रमण जल स्रोतों को के मामले पर स्थानीय स्तर पर सुनवाई पूर्ण कर अंचलाधिकारी को भेजा जाएगा।

- सभी अंचलाधिकारी प्राथमिकता के आधार पर 2 अक्टूबर 2019 को तक अतिक्रमित जल स्रोतों को मुक्त कराने खव लिए आवश्यक कार्यवाई की जाएगी।



Conclusion:na
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